NEW DELHI. राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) सरसंघचालक मोहन भागवत ने प्रजनन दर पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने जनसंख्या को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि दो नहीं बल्कि कम से कम तीन बच्चे होने चाहिए। एक कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या बढ़ोतरी की दर में गिरावट एक चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से कम हो तो वह समाज दुनिया से नष्ट हो जाता है।
मोहन भागवत ने कहा कि वर्ष 1998 या 2002 में हमारे देश की जनसंख्या नीति तय की गई थी। इसमें कहा गया है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे नहीं नहीं जानी चाहिए। उन्होंने 2 से ज्यादा बच्चे होने की पैरवी करते हुए कहा कि जिस समाज की प्रजनन दर 2.1 से कम होती है वो विलुप्त हो चुके है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से प्राप्त आकड़ों के अनुसार भारत में आदर्श प्रजनन दर 2.1 है, जिसका मतलब है कि अपने जीवनकाल में एक महिला को औसतन 2.1 बच्चे यानि 2 से अधिक होने चाहिए। जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए यह आवश्यक प्रजनन दर है। अगर ऐसा नहीं होता है तो उस समाज में Population imbalance होने का खतरा मंडरा जाता है।
RSS इसके पहले भी कई बार इस बात की वकालत कहता रहा है कि देश पर आबादी असंतुलन का खतरा मंडरा रहा है, जो भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। दरअसल डेमोग्राफर्स का मानना है कि इस सदी के अंत तक भारत की जनसँख्या गिरकर एक अरब 10 करोड़ रह जायेगी। देश में युवाओं की संख्या कम होती जिएगी। सुप्रीम कोर्ट में जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में चल रही सुनवाई में केंद्र ने कहा था कि सरकार परिवार नियोजन को अनिवार्य बनाने के कानून के पक्ष में नहीं है।