BILASPUR NEWS. शहर के सबसे रिहायसी इलाकों में से मिशन अस्पताल क्षेत्र को भी शामिल किया जाता है। कुछ माह पूर्व मिशन अस्पताल भूमि की लीज समाप्त होने पर भूमि अधिग्रहण के लिए प्रशासन ने आदेश जारी किया था। इस पर मिशन अस्पताल प्रबंधन की ओर अपील किया गया था। अब अस्पताल प्रबंधन को झटका लगा है कमिश्नर ने अपील को खारिज करते हुए प्रशासन के फैसले को सही माना है।
बता दें, नगर निगम बिलासपुर नजूल शाखा और जिला प्रशासन ने मिशन अस्पताल प्रबंधन की जमीन का लीज निरस्त होने पर प्रबंधन को कब्जा छोड़ने के लिए नोटिस जारी किया था। साथ ही सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा बताकर नजूल शाखा और निगम ने बेदखली नोटिस भी जारी किया था।
इसके खिलाफ अस्पताल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अस्पताल प्रबंधन की याचिका को खारिज करते हुए राजस्व प्रकरण बताकर संबंधित कोर्ट में केस लगाने कहा था। इसके बाद मिशन अस्पताल प्रबंधन की ओर से डॉ.रमन जोगी ने कलेक्टर के आदेश के खिलाफ कमिश्नर कार्यालय में अपील की। इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद तत्कालीन कमिश्नर नीलम नामदेव एक्का ने स्टे दे दिया था।
लेकिन अब नवनियुक्त कमिश्नर महादेव कावरे की अदालत में सुनवाई हुई। कमिश्नर ने दोनों पक्षों को सुना। कमिश्नर कावरे ने स्टे पहले ही हटा दिया था। कमिशन कोर्ट ने लीज धारकों की अपील निरस्त कर दी है। इस फैसले के बाद अब जिला प्रशासन जमीन को अपने कब्जे में ले सकेगा।
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नजूल न्यायालय ने खारिज कर दिया था आवेदन
मिशन अस्पताल की स्थापना 1885 में हुई थी इस जमीन को प्रबंधन को लीज पर दिया गया था। लीज वर्ष 2014 में ही खत्म हो गई थी। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने लीज बढ़ाने के लिए नजूल न्यायालय में अपील की थी। जिसे न्यायालय ने खारिज करते हुए प्रशासन को भूमि अधिग्रहण के आदेश दिए थे।