DHAMTARI NEWS. धमतरी जिले के कुरूद निवासी प्रसिद्द दिव्यांग चित्रकार बंसत साहू को उनके 51वें जन्मदिन के मौके पर 25 वें हेलेन केलर अवार्ड 2024 से नवाजा गया है। इस कीर्तिमान के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बसंत को फोन कर अवार्ड और जन्म दिन के लिए बधाई दिया है।
एक सड़क हादसे में अपने दोनों पैर गवाने के बाद भी बसंत ने हार नहीं मानी और पेंसिल को चुना जिसका नतीजा है कि उन्हें ये पुरस्कार मिला। बसंत के बनाए चित्रों का संग्रह देश विदेश सहित राष्ट्रपति भवन, राजभवन, दिल्ली संग्रहालय में सुशोभित कर रहा है। ये पुरस्कार दिल्ली से आई सुमित परीक्षित, स्नेहा शिकता की केंदीय टीम ने प्रदान किया है जिनका मूल उद्देश्य विकलांग लोगों के लिए रोजगार को बढ़ावा देना है।
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कहते हैं कि हौसले बुलंद हो तो मौत भी अपना रास्ता बदल लेता है, वहीं जिंदगी में कुछ कर गुजरने करने की जज्बा हो तो हर बाधा दूर हो जाती है। कुछ इसी तरह की दांस्ता कुरूद के रहने वाले बंसत साहू की है। जिन्होने मौत को मात देकर पेन्सिल को अपनी जिंदगी बना ली। एक हादसे में बसंत ने अपने हाथ ओर पैर खो दिए।
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लेकिन हौसला नहीं खोया। दिव्यांग होने के बावजूद मजबूत इरादे ने आज पेटिंग में वे महारत हासिल कर दिव्यागों के किए बसंत साहू के 51वे जन्मदिन के मौके पर दिल्ली से आई टीम ने 25 वें हेलेन केलर अवार्ड 2024 से नवाजा है। यह पुरस्कार उनके द्वारा दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा और समाज में समान अवसर दिलाने के लिए किए गए अद्वितीय कार्यों के लिए दिया जाता है।
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बसंत के पेंटिंग कला में छत्तीसगढ़ की लोक कला, परंपराओं और छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य, पारंपरिक परिधान और समाज की समकालीन समस्याओं का समावेश होता है। बसंत के चित्रों का संग्रह देश, विदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर किया गया है, जिनमें राष्ट्रपति भवन, राजभवन, दिल्ली संग्रहालय और कई अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय शामिल हैं। उनकी कला ने उन्हें न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देश और विदेश में भी पहचान दिलाई है।