RAIPUR NEWS. गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभ्यारण्य को मिलाकर गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बन गया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 2829.387 वर्ग किलोमीटर है। इसकी सीमाएं चार जिलों एमसीबी, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर तक फैली हुई हैं। टाइगर रिजर्व के लिए केंद्र सरकार से वर्ष 2021 में सहमति मिली थी। इसका नोटिफिकेशन 4 नवंबर को छत्तीसगढ़ के राजपत्र में जारी कर दिया गया था।
गुरु घासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला को मिलाकर साल 2021 में टाइगर रिजर्व बनाया गया था, लेकिन विरोध के कारण अस्तित्व में नहीं लाया जा सका था। अब छत्तीसगढ़ में टाइगर रिजर्व की संख्या चार हो गई है। इसके साथ ही यह देश का 56वां और राज्य का चौथा टाइगर रिजर्व बन गया। इसका क्षेत्रफल देश के सर्वाधिक क्षेत्रफल वाले टाइगर रिजर्व में चौथे नंबर पर है। यह रिजर्व इसे आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है।
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जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की प्लानिंग में इस टाइगर रिजर्व को जंगल सफारी के रूप में विकसित करना शामिल है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वन विभाग को इससे संबंधित निर्देश भी दिए हैं। इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को होम स्टे के कॉंसेप्ट के बारे में बताया जाएगा। उन्हें आर्थिक सहयोग भी दिया जाएगा। इससे पर्यटन बढ़ेगा तो रोजगार बढ़ेगा। इस अधिसूचना के साथ, छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से इस प्रजाति के संरक्षण को मजबूती मिलेगी
2012 में ही मिल गई थी टाइगर रिजर्व बनाने की मंजूरी
बता दें कि साल 2012 में छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती रमन सरकार ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने का ड्राफ्ट राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को भेजा था। इसके बाद एनटीसीए ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व के रूप में मंजूरी दी। लेकिन कांग्रेस शासन में रिजर्व एरिया के कोल ब्लॉक, आइल ब्लॉक और मिथेन गैस ब्लॉक होने के कारण मामला अटक गया था।