BILASPUR NEWS. आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। कोई सिस्टम से परेशान होकर आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाता है तो कुछ तो व्यापार व अन्य कार्यों में अपने सहयोगियों व पार्टनर की धोखेबाजी के चलते कर्ज में दबकर आत्महत्या का कदम उठाते हैं। ऐसा ही एक मामला बिलासपुर में सामने आया है जहां पर कोयला व्यवसायी ने सल्फास खाकर आत्महत्या की है। आत्महत्या बीती रात को की थी। अब उसका सुसाइड नोट भी सामने आ गया है। जिसमें उसने आत्महत्या करने की वजह बतायी है।
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बता दें, कोयला व्यवसायी नरेन्द्र कौशिक तिफरा आर्य कॉलोनी का निवासी था। उन्हें बिल्हा विधायक का करीबी भी माना जाता था लेकिन उनके इस आत्महत्या करने से सभी दंग है। आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि व्यवसायी को इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा। पुलिस ने जांच के दौरान सुसाइड नोट हासिल किया है।
इसमें सुसाइड करने के कारणों को व्यवसायी ने बताया है। सुसाइड नोट में कुछ बड़े व्यवसायियों के नाम है। सुसाइड नोट में बताया गया है कि उन्होंने राजेश कोटवानी, संजय भट्ट, देवेन्द्र उपबेजा और सूरज प्रधान नामक चार कोयला कारोबारियों को अपने कोयला डिपो किराये पर दिया थ्ज्ञा। इसके अलावा लोन पर उठाई गई गाड़ियां दो लोडर और एक ट्रेलर भी उन्हें ही दिया था। इन चारों आरोपियों के साथ एक समझौता हुआ था कि वे बैंक के लोन की किश्तें और जीएसटी का भुगतान करेंगे। लेकिन नरेन्द्र के मुताबिक इन व्यापारियों ने न तो बैंक की किश्ते जमा की और न ही जीएसटी का भुगतान किया।
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इससे नरेन्द्र पर बैंक और अन्य सरकारी संस्थाओं का दबाव बढ़ता चला गया। करीब 15 दिन पहले नरेन्द्र ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मदद के लिए गुहार लगाई थी। जिला कलेक्टर, पुलिस व उच्च अधिकारियों के सामने अपनी समस्या को बताया और एक एफआईआर भी दर्ज कराई थी। नरेन्द्र ने यह आरोप लगया कि राजेश कोटवानी ने न केवल उनके प्लाट पर कब्जा कर लिया था बल्कि दो लोडर व ट्रेलर को भी अपने पास रोक लिया था।
शिकायत के बाद भी नरेन्द्र को कोई राहत नहीं मिली थी और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे नरेन्द्र मानसिक तनाव बढ़ गया। सुसाइड नोट में सार्फ जिक्र है कि एक बड़े नेता से भी उन्होंने मदद मांगी थी लेकिन कोई मदद नहीं मिली। लगातार बैंक के किश्तों व जीएसटी की राशि बढ़ने का दबाव उनके दिमाग में चलता रहा। जिससे वे परेशान हो गए थे और इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या की।