RAIPUR NEWS. 7 साल बाद एक बार फिर छत्तीसगढ़ में सीडी कांड गूंजा है। दरअसल, सीबीआई ने इस केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की अपनी अर्जी वापस ले ली है। यानी अब रायपुर विशेष अदालत में सुनवाई होगी। बता दें कि सीबीआई ने छह साल पहले कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत के सीडी कांड केस को छत्तीसगढ़ से दिल्ली ट्रांसफर किया जाए, क्योंकि जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, वे सत्ता में काबिज हो गए हैं। हालांकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था। इस वजह से अब तक उसका ट्रायल शुरू नहीं हो पाया है। सीबीआई के अर्जी वापस लेने के बाद रायपुर के कोर्ट में केस की सुनवाई शुरू होगी।
दरअसल, BJP नेता प्रकाश बजाज की शिकायत पर पंडरी पुलिस ने 2017 में ब्लैकमेलिंग और आईटी एक्ट का केस दर्ज किया था। इस मामले में रायपुर पुलिस ने गाजियाबाद इंदिरापुरम में छापा मारकर कांग्रेसी नेता और पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया था। इस मामले में दूसरी एफआईआर सिविल लाइन थाने में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ की गई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने आपत्तिजनक सीडी को बांटा है। तत्कालीन रमन सरकार ने इस केस को सीबीआई को सौंप दिया था।
इंतजार खत्म…कंगना रनौत की इमरजेंसी को सेंसर बोर्ड से हरी झंडी, अब अगले साल इस तारीख को होगी रिलीज
इस केस में नवंबर में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी थी। सीबीआई ने विनोद वर्मा के बाद भूपेश बघेल को गिरफ्तार किया था। इस केस में कोर्ट से उन्हें जेल भेजा गया था। इस केस में आधा दर्जन अन्य को आरोपी बनाया गया था। सीबीआई की पड़ताल में खुलासा हुआ था कि पोर्न वीडियो को टेंपर कर पूर्व मंत्री राजेश मूणत का चेहरा लगाया गया है। इसे मुंबई के एक स्टूडियो में टेंपर किया गया था। सीबीआई ने टेंपर करने वाले को इसमें सरकारी गवाह बनाया था। इसमें 150 से ज्यादा लोगों को गवाह बनाया गया था। इसमें राज्य के कई बड़े लोगों के नाम एफआईआर में शामिल है। सीबीआई अभी भी इस मामले की जांच कर रही है।