RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में रंगदारी व फायरिंग मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इस मामले में गैंगस्टर अमन साव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही कोर्ट के निर्देश पर पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में अमन साव ने पुलिस को बताया कि वह लंबे समय से जेल में है। इस वजह से बाहर क्या हो रहा है? इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इसी का फायदा उठाकर कनाडा में रहकर गैंग संभालने वाला उसका गुर्गा मयंक सिंह खुद ही लीडर बनने की सोच रहा है। वह गैंग के नाम से रंगदारी वसूल रहा है। अमन ने स्वीकारा कि मयंक ने यहां गोलीबारी करवाने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को सुपारी दी। अमन ने कबूल किया है कि उसके इशारे पर ही झारखंड का शूटर रोहित स्वर्णकार 26 मई को बर्बरीक कंपनी के पार्टनर को गोली मारने आया था, लेकिन वह पकड़ा गया। उसके बाद 13 जुलाई को तेलीबांधा में बिल्डर के ऑफिस के बाहर हुई फायरिंग में उसका हाथ नहीं है। मयंक ने अपनी मर्जी लॉरेंस गैंग के शूटरों को सुपारी दी थी।
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गैंगस्टर अमन ने पुलिस को बताया कि मैंने राजस्थान पाली के पप्पू सिंह उर्फ पप्पी को सुपारी दी थी। पप्पू को बर्बरीक कंपनी के किसी एक पार्टनर को गोली मारना था। लेकिन उसके पहले ही पुलिस को भनक लग गई और वारदात के पहले ही शूटर और उसकी टीम को पकड़ लिया गया है। उसने स्वीकारा कि लगातार धमकी के बाद भी पीआरए, बर्बरीक और आरकेटीसी ग्रुप के बिल्डर और पार्टनर रंगदारी नहीं दे रहे हैं। अमन ने कोरबा और शंकर नगर में कंपनी दफ्तर के बाहर गोलीबारी करवाना कबूल किया है। पुलिस ने अधिवक्ता अमित बनर्जी के सामने अमन से पूछताछ की है।
इस दौरान अमन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि रंगदारी का पैसा हमेशा उनके गुर्गे लेने नहीं जाते हैं। रंगदारी के पैसों का हवाला कराया जाता है। कारोबारियों को बता दिया जाता है कि कहां से उन्हें कहां पैसों का हवाला करना है। वह पैसा उनके गुर्गों के पास पहुंच जाता है। विदेश में बैठे लोगों के पास भी हवाला के माध्यम से ही पैसों का ट्रांजेक्शन होता है। उसके घर भी हवाला के माध्यम से पैसा पहुंचता है। पैसों के ट्रांजेक्शन और हिसाब के लिए उसकी अलग टीम है।
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पुलिस को अमन ने बताया कि उसके पास देश के अलग-अलग शहरों में 200 से ज्यादा गुर्गे हैं। उसके गुर्गों के पास हर तरह के हथियार हैं। उसने अपना नेटवर्क जेल के माध्यम से बनाया है, वह जिस जेल में रहा है। वहां के बंदियों को गैंग में शामिल कर लिया है। गैंग में ज्यादातर गुर्गे 20 से 35 साल के हैं। उसके गुर्गे नेताओं से लेकर किसी भी अभिनेता को शूट कर सकते हैं। उसका पूरा सिस्टम फोन पर चलता है। किसी से मिलने जरूरत नहीं है। छत्तीसगढ़ में उसके एक दर्जन गुर्गे व शूटर भी पकड़े गए। उसने बताया कि वह लॉरेंस बिश्नोई से भी जुड़ा है। बिश्नोई का गैंग भी उसे सुपारी देता है। पैसा लेकर वह उनके लिए काम करता है।