BILASPUR NEWS. शहर में सरकारी जमीन की खरीदी-बिक्री के कई मामले सामने आए है। कलेक्टर के निर्देश पर सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले व उसे बेचने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। शहर में एक और सरकारी जमीन की खरीदी-बिक्री का मामला सामने आया है। जहां पर खमतराई में 11 एकड़ सरकारी भूमि को बचने का मामला सामने आया है। इस मामले में 8 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। इनमें से 7 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
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बता दें, खमतराई स्थित 11 एकड़ सरकारी जमीन को स्टांप के माध्यम से खरीदने और बेचने के मामले में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। तहसीलदार की जांच और रिपोट्र के आधार पर आठ लोगों के खिलाफ सरकण्डा थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया। वहीं 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें बेचने वाले और खरीदार दोनों शामिल हैं। एक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
इस जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ नगर निगम ने पहली कार्रवाई रविवार को की थी। कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर राजस्व विभाग द्वारा खमतराई स्थित शासकीय भूमि खसरा नंबर 551 पर अनाधिकृत रूप से क्रय-विक्रय इकरारनामा करने वालों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराया गया। खसना नंबर 551 खमतराई की शासकीय भूमि है। इस पर अतिक्रमण की शिकायत एसडीएम बिलासपुर को प्राप्त होने पर नायब तहसीलदार बिलासपुर के माध्यम से जांच कराई गई मामले के तह तक पहुंचने के लिए रविवार को नगर निगम आयुक्त अमित कुमार और एसडीएम पीयूष तिवारी मौके पर पहुंचे थे।
जांच में पाया कि समस्त शासकीय भूमि को वहां के शरद यादव, संजय जायसवाल, मधुसूदन राव, श्रीनिवास राव, परमेश्वर सूर्यवंशी, सुकीता बाई सूर्यवंशी, चित्रलेखा सूर्यवंशी और बृहस्पति कश्यप के द्वारा इकरारनामा कर लोगों को बसाया गया है। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शरद यादव, संजय जासयवाल, मधुसूदन राव, श्रीनिवास राव, परमेश्वर सूर्यवंशी, सुकीता बाई सूर्यवंशी, चित्रलेखा सूर्यवंशी को गिरफ्तार कर लिया है और बृहस्पति कश्यप की गिरफ्तारी शेष है। मामले में बताया जा रहा है कि मन्नू लाल सूर्यवंशी द्वारा इन सभी से धोखाधड़ी कर अपनी जमीन बताकर हमें जमीन दी है।
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इस पर जांच में स्पष्ट हुआ कि मन्नू लाल सूर्यवंशी द्वारा अतिक्रमण कर दुकान किराए पर दी गई है। इस पर निगम कमिश्नर अमित कुमार द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए मन्नू लाल सूर्यवंशी की शासकीय भूमि पर बनी दुकान को हटाने की कार्रवाई की गई। वहीं एसडीएम पीयूष तिवारी द्वारा तहसीलदार के माध्यम से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया और सभी अतिक्रमणकर्ताओं पर अतिक्रमण का मामला दर्ज कर नोटिस जारी कर दिया गया है।