BILASPUR NEWS. राजस्व विभाग में इन दिनों गड़बड़ी के कई मामले सामने आ रहे हैं। न सिर्फ जमीन खरीदी बिक्री में गड़बड़ी बल्कि ऑनलाइन एप भुइंया में भी फर्जी एंट्री का मामला सामने आया है। यह मामला ग्राम पोड़ी का है। इस मामले का पता चलते ही फर्जी काम करने वाले पटवारी को निलंबित कर दिया गया है।
बता दें, मामला ग्राम पोड़ी का है। जहां पर कई खसरों में अनियमितताएं पाई गई है। इनमें बिना अनुमति सरकारी भूमि को निजी नामों पर दर्ज किया गया था और इसे बैंक में गिरवी भी दिखाया गया था। जांच के बाद यह पाया गया कि पटवारी ने शासकीय कार्य संपादन स्वयं न कर इसे निजी व्यक्ति से कराया जो नियमों का सीधा उल्लंघन है।
अनुविभागीय अधिकारी तखतपुर से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार ग्राम पोड़ी पटवारी हल्का नंबर 51 गनियारी तहसील सकरी के ऑनलाइन खसरा में खसरा नंबर 81/ 5, 81/ 6, 104/ 7, 104 /8, 105/ 6, 105/ 7, 155/ 4 रकबा क्रमशः0.809, 0.364, 0.688, 0.389, 0.708, 0.486, 0.405, 0.364 हेक्टेयर खसरा नंबर 8 कुल रकबा 4.213 हेक्टेयर भूमि जो कि अजय कुमार पिता राजेन्द्र कुमार के नाम पर दर्ज हो जाना।
ऑनलाइन खसर में खसरा नंबर 24 4, 39 6, 180/ 4, 186/ 9 रकबा क्रमशः0.445, 1.450, 1.990, 0.884 हेक्टेयर कुल खसरा नंबर 4 कुल रकबा 4.769 हेक्टेयर भूमि बिसाहू घोसले पिता चैतू घोसले के नाम पर दर्ज हो जाना। इसी तरह से ऑनलाइन खसरा 24/3, 128/4, 130/3, 130/4, 279/3 रकबा कमशः 0. 665, 1.884, 0.884, 1.912, 1.972 हेक्ट.कुल खसरा नं. 5. कुल रकबा 7.317 हेक्टेयर भूमि हेमन कुमार पिता लखनलाल के नाम पर दर्ज हो जाना खसरा नं. 24/3, 128/4.130/3, 130/4, 279/3, रकबा कमशः 0.665, 1.884, 0.884, 1.912, 1.972 हेक्टेयर कुल ख.नं. 5, कुल रकबा 7.317 हेक्टेयर भूमि ईडीएफसी फस्ट बैंक में बंधक दर्ज होना आनलाइन खसरा में खसरा नं. 23/4, 39/5, 180/3, 186/8, 279/4 रकबा कमशः 0.413, 1.019, 1.769, 0.782, 1.245 हेक्ट. कुल ख.नं. 5. कुल रकबा 5.228 हेक्ट. भूमि दिलीप कुमार पिता रामशरण के नाम पर दर्ज होना एवं दिनांक 10/10/2024 को आनलाइन अभिलेख से उक्त खसरा नंबर का गायब हो जाना पाया गया है। नंबर गायब पाया गया है।
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जांच में सामने आयी गड़बड़ी
शासन के गिरदावरी से जुड़े साफ निर्देशों के तहत पटवारी को स्वयं क्षेत्र का निरीक्षण कर त्रुटियों का निवारण करना था मगर पटवारी राजकिशोर सवैया ने निजी व्यक्ति से सहयोग लेकर डिजिटल हस्ताक्षर कर फर्जी प्रविष्टियां की। इसके चलते उन्हें निलंबित कर विभागीय जजांच के आदेश जारी किए गए हैं।