CHANDIGARH. पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सियासी पारी शुरू होने जा रही है। यानी अब राजनीति में विरोधियों को चित करेंगे। दरअसल, हरियाणा विधानसभा चुनाव के पहले रेसलर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया शुक्रवार, 6 सितंबर को कांग्रेस में शामिल हो गए। विनेश का जुलाना सीट से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। वहीं, बजरंग के भी चुनाव लड़ने की अटकलें हैं। कांग्रेस में शामिल होने से पहले दोनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर मिले और फिर कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। राज्य में एक फेज में 5 अक्टूबर को मतदान होगा। रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा।
कांग्रेस में शामिल होने से पहले विनेश और बजरंग ने रेलवे की नौकरी छोड़ दी। दोनों ओएसडी स्पोर्ट्स के पद पर थे। विनेश-बजरंग ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, पवन खेड़ा, हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया की मौजूदगी में कांग्रेस जॉइन की। कांग्रेस ज्वॉइन करने के बाद विनेश ने कहा कि सबसे पहले तो मैं देशवासियों और मीडिया का धन्यवाद करना चाहती हूं। कांग्रेस पार्टी का बहुत धन्यवाद करती हूं कि बुरे टाइम पर पता लगता है कि साथ में कौन है। जब आंदोलन के दौरान हमें सड़क पर घसीटा जा रहा था, तब बीजेपी को छोड़कर देश की हर पार्टी हमारे साथ थी।
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विनेश ने कहा कि मैं गर्व महसूस कर रही हूं कि मैं ऐसी पार्टी में हूं, महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय और बुरे बर्ताव के खिलाफ खड़ी है। बीजेपी ने हमें ये साबित करने की कोशिश की कि हम जले हुए कारतूस हैं, मैं नेशनल खेली। लोगों ने कहा कि मैं बिना ट्रायल दिए ओलिंपिक जाना चाहती हूं, लेकिन मैंने ट्रायल दिया। जो मैंने फेस किया, मैं चाहती हूं कि बाकी खिलाड़ियों को न झेलना पड़े। बजरंग पर चार साल का बैन लगा दिया। ये सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि उन्होंने आवाज उठाई।
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इस दौरान बजरंग ने कहा कि आज कहा जा रहा है कि हमारा मकसद सिर्फ राजनीति करना था। हमने उन्हें (बीजेपी) लेटर भेजा था। जो अत्याचार बेटियों के साथ हुआ था, कांग्रेस पार्टी हमारे साथ खड़ी रही। हमने जितनी मेहनत कुश्ती, किसान आंदोलन, अपने आंदोलन में की, उतनी ही मेहनत यहां भी करेंगे। विनेश के साथ ओलिंपिक में जो हुआ, पूरा देश दुखी था, हालांकि कुछ लोग खुशी मना रहे थे। ये गलत था। जैसा की विनेश ने कहा कि हम सभी देश की बेटियों के साथ हैं। वहीं, साक्षी मलिक ने कहा कि यह उनका पर्सनल फैसला है। कहीं न कहीं हमें त्याग करना पड़ेगा। बाकी जो हमारा आंदोलन था, उसको गलत रूप न दिया जाए। मैं अभी भी उस पर डट कर खड़ी हूं। मेरे पास भी ऑफर आए हुए हैं, लेकिन मेरा मानना है कि जिस चीज से मैं जुड़ी हुई हूं, मैं उसको आखिर तक लेकर जाऊंगी। रेसलिंग में जब तक बहन-बेटियों का शोषण खत्म नहीं हो जाता, मेरी लड़ाई जारी रहेगी।