BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत नरियरा को अपग्रेड कर नगर पंचायत बनाने के राज्य शासन के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने नगर पंचायत के संचालन के लिए शासन की गठित कमेटी को भी भंग कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों को नगर पंचायत गठन की प्रक्रिया पूरी होने तक कार्यभार संभालने कहा है।
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बता दें, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा धारा 5 नगर पालिका अधिनियम 1961 में दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 27 अक्टूबर 2023 को गजट में ग्राम पंचायत नरियरा को नगर पंचायत नरियरा के रूप में गठन की अधिसूचना जारी की थी। नगर पंचायत के कार्य संचालन के लिए विशेष समिति का गठन कर अधिसूचना जारी की गई थी।
नगरीय प्रशासन विभाग के इस निर्णय और अधिसूचना को तत्कालीन सरपंच ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सरपंच संतोषी गोंड ने अधिवक्ता सुशोभित सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि ग्राम पंचायत को नगर पंचायत में गठन करने के लिए ग्राम की जनसंख्या ही एकमात्र आधार नहीं हो सकती।
धारा 5 नगर पालिका अधिनियम 1961 के अनुसार शासन को अन्य आवश्यक आधार जैसे कि जनसंख्या घनत्व, औद्योगिकरण, नवगठित नगरीय निकाय द्वारा प्रदान किए जाने वाले सेवाओं, आय के स्त्रोत, उस क्षेत्र के निवासरत नागरिकों का गैर कृषि कार्यों में नियोजन तथा अन्य उचित आधार का परीक्षण करने के बाद ही ग्राम पंचायत को नगर पंचायत के रूप में गठित किया जा सकता है।
याचिका में बताया गया कि धारा 5 नगरपालिका अधिनियम 1961 के अनुसार वर्तमान ग्राम पंचायत नरियरा तब तक कार्य करती रहेगी जब तक नवीन निर्वाचित नगर पंचायत नरियरा का विधिवत गठन नहीं हो जाता। हाईकोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए शासन को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने दायर याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए आदेश जारी किया है कि वर्तमान सरपंच तथा पंचायत पदाधिकारी तब तक कार्य करते रहेंगे जब तक नवीन निर्वाचित नगर पंचायत नरियरा का विधिवत गठन न हो जाए।