KORBA. कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने निरस्त कर दिया है। अनुविभागीय अधिकारी कोरबा ने 6 दिसंबर 2019 को राजकिशोर प्रसाद को अन्य पिछड़ा वर्ग का स्थायी प्रमाण पत्र जारी किया था। प्रकरण में समिति ने अलग-अलग पहलूओं की जांच परख करने के बाद जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया है।
बता दें, कोरबा महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को आदिम जाति विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने निरस्त किया है। वर्ष 2019 में हुए नगरीय निकाय चुनाव के बाद भाजपा के पार्षदों की संख्या कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा थी। इसके बाद भी महापौर पद के लिए निर्वाचन के समय भीतरघात व गुटबाजी सहित क्रास वोटिंग के कारण कांग्रेस पार्षद राजकिशोर प्रसाद को महापौर निर्वाचित किया गया।
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5 माह में होने है नगरीय निकाय चुनाव
नगरीय निकाय चुनाव इस वर्ष होने है। अभी सिर्फ 5 माह का ही समय बचा है ऐसे में महापौर का जाति प्रमाणपत्र निरस्त होना बड़ी बात है। अब देखना होगा कि क्या महापौर पद पर राजकिशोर रह पाएंगे या किसी और को यह कुर्सी दी जाएगी।
महापौर पद प्रत्याशी ने दायर की याचिका
जानकारी के मुताबिक चुनाव में महापौर पद की दावेदार व प्रत्याशी रितु चौरसिया थी। लेकिन चुनाव में भीतरघात व क्रास वोटिंग के कारण उनको हार मिली थी। उन्होंने ही जिला न्यायाधीश के समक्ष वाद दायर करते हुए महापौर राजकिशोर के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती दी थी।
मामले की सुजनवाई के बाद कोर्ट ने हाई पावर कमेटी को जांच का निर्देश दिया था। उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने दस्तावेजों की जांच के बाद ओबीसी जाति पत्र को खारिज कर दिया है।