DURG. दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राम गोपाल गर्ग की अध्यक्षता में दोषमुक्ति से संबंधित मामलों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पुलिस अधिकारियों, लोक अभियोजकों, और संबंधित अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में जमानत निरस्तीकरण समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के साथ बैठक में नेयह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा हुई कि जमानत मिलने के बावजूद दोषियों पर प्रभावी निगरानी रखी जा सके। समीक्षा के दौरान, पिछले समय में त्रुटिपूर्वक मामलों पर विचार किया गया और उनके सुधार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
वहीं जिन मामलों में माननीय न्यायालय द्वारा दोषमुक्ति दी गई है, उन पर अपील करने के लिए आवश्यक कानूनी प्रक्रिया और प्रमाणिकता पर गहन विचार-विमर्श हुआ। लोक अभियोजकों को विचारण के दौरान किन महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए, इस पर विशेष चर्चा की गई। अभियोजकों को उचित प्रमाण, गवाहियों और संबंधित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के निर्देश दिए गए।
समीक्षा बैठक में विवेचना एवं अभियोजन अधिकारियों की त्रुटि के कुल 91 मामलों पर चर्चा की गई। जिसमे दुर्ग के 74, बालोद के 10, बेमेतरा के 07 प्रकरण है। समीक्षा में जिन जिन प्रकरणों में विवेचना अधिकारियों की त्रुटि से अपराधी दोषमुक्त हुए हैं, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया। साथ ही जिन प्रकरणों में अभियोजन अधिकारियों की लापरवाही से दोषमुक्ति हुई है, उनमें पुलिस अधीक्षक को संबंधित विभाग से समन्वय स्थापित कर अग्रिम कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है।
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राम गोपाल गर्ग ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपनी जिम्मेदारियों को पूर्ण निष्ठा और सतर्कता से निभाएं। ताकि दोषमुक्ति के मामलों में न्यूनतम त्रुटियां हों और न्यायिक प्रक्रिया में मजबूती बनी रहे। यह बैठक दुर्ग रेंज में अपराध नियंत्रण और न्यायिक प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
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बैठक में जिला दुर्ग से उपसंचालक लोक अभियोजक श्रीमती अनुरेखा सिंह, जिला बेमेतरा से उपसंचालक लोक अभियोजक श्रीमती कंचन पाटिल, बालोद से जिला अभियोजन अधिकारी अजय कुमार बैसवाड़े, डीएसपी श्रीमती शिल्पा साहू, उप निरीक्षक राज कुमार प्रधान, सहायक उप निरीक्षक हेमंत त्रिपाठी, डाटा एंट्री ऑपरेटर श्रीमती तेजस्वी गौतम एवं पीआरओ प्रशांत कुमार शुक्ला उपस्थित रहे।