BILASPUR. शहर के उस्लापुर स्थित सतीश्री ज्वलेर्स में डकैती डालने के लिए बिलासपुर के एक पूर्व फौजी ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर योजना बनाई और उसे अंजाम तक पहुंचाया। ज्वेलरी संचालक के भाई पर रिवाल्वर से गोली चला दी। आलोक सोनी के सीने पर आज भी एक बुलेट फंसा हुआ है। बुलेट इंजुरी से उसकी जान कभी भी जा सकती है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मास्टर माइंड पूर्व फौजी सहित उसके पांच साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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बता दें, 25 जनवरी 2021 को शाम 7 बजकर 54 बजे सती श्री ज्वलेर्स उस्लापुर नेचर सिटी के पास बिलासपुर में रिवॉल्वर से लैस होकर डकैती डाला। डकैती के दौरान रिवाल्वर का उपयोग किया एवं आलोक सोनी की हत्या करने के उद्देश्य से उस पर फायर कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। डकैतों ने जिस रिवाल्वर का उपयोग किया था उसका लाइसेंस भी नहीं था।
घटना से पहले आलोक सोनी और दुकान में काम करने वाले अन्य कर्मचारी पूनम गुप्ता, प्रदीप गढ़ेवाल थे। तभी 4-5 लड़के मुंह में नकाब बांधे हुए रिवाल्वर रखकर दुकान में डकैती के उद्देश्य से पहुंचे और उनमें से दो लड़के काउंटर के अंदर घुस गए। एक लड़का उदित पर रिवॉल्वर तान दिया। तब वह किसी तरह काउंटर से चिल्लाते हुए भागा। तब लुटेरों ने उसके भाई आलोक पर पिस्टल से फायर करना शुरू किया। इससे उसे गोल लगी और उसके बाद 4-5 फायर करते हुए लुटेरे बाहर रखे मोटर साइकिल में बैठकर भाग गए।
कोर्ट में इस घटना के आरोपियों का चालान पेश किया गया। डकैती के मास्टर माइंउ पूर्व फौजी दिनेश बांधेकर उर्फ दीनू, मोहम्मद नाजिर अंसारी, राजू साव उर्फ राजू कसेर, मोहम्मद मजहर अंसारी, जितेन्द्र कुमार शर्मा उर्फ छोटू ठाकुर, मोहम्मद लालू अंसारी पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 395,397, 307, 34 तथा धारा 25 (1) (1-ख) (क) एवं 27 आयुध अधिनियम के अंतर्गत एफआइआर दर्ज कर निचली अदालत में चालान पेश किया गया था।
मामले की सुनवाई एडिशनल सेशन जज पंचम की अदालत में हुई। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि प्रकरण में आरोपीगण के द्वारा घातक हथियार के साथ सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र करते हुए सार्वजनिक स्थल पर व्यवसायिक परिसर में दुस्साहसपूर्वक डकैती किया गया।
कोर्ट ने कहा कि घटना के दौरान आलोक के सिने में बुलेट लगा जिसमें से एक बुलेट अभी भी फंसा हुआ है। उससे कभी भी उसकी मृत्यु हो सकती है। ऐसे में आरोपियों के अपराध से समाज पर पड़ने वाले प्रभा को दृष्टिगत रखते हुए आरोपीगण को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही एक-एक हजार का जुर्माना राशि भी ठोंका है।