BILASPUR. छत्तीसगढ़ में हादसों से मौत की घटनाओं को लेकर ट्रायल कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। दो पहिया सहित भारी वाहनों का बीमा करने वाली कंपनी ऐसे लोगों के स्वजन को क्षतिपूर्ति मुआवजा देने अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं पाएंगी। मामला एसईसीएल कर्मचारी की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद रिस्क कवर लेने डेढ़ साल से मुकदमा लड़ रहे हैं। उनके पक्ष में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मृत कर्मचारी के परिवार को एक करोड़ 10 लाख रुपये की राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए है।
बता दें, मृतक हरिराम राजवाड़े तखतपुर के ग्राम खपरी के रहने वाले थे। वह एसईसीएल के कुसमुंडा माइनिंग विभाग में पदस्थ थे। दुर्घटना 27 अक्टूबर 2022 को सुबह लगभग 5.30 बजे बलौदा थाना के अंतर्गत पंतोरा के पास हुई थी। हरिराम अपनी बाइक से ड्यूटी के लिए कुसमुंडा जा रहे थे।
रास्ते में पंतोरा की ओर से आ रहे टैंकर सीज-07 सीए-9468 के चालक ने लापरवाहीपूर्वक गाड़ी चलाते हुए उसे टक्कर मार दी थी। इस हादसे में हरिराम को गंभीर चोट आयी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। बलौदा पुलिस ने आरोपित टैंकर चालक के खिलाफ जुर्म दर्ज कर कार्रवाई की।
मृतक की पत्नी व बेटियों ने आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए मोटर दावा अधिकरण के तहत परिवाद दायर किया था। इसमें टैंकर चालक, मालिक व टैंकर का बीमा करने वाली द ओरिएंटल का इंश्योरेंस कंपनी पुराना बस स्टैण्ड बिलासपुर को पक्षकार बनाया गया। मामले की सुनवाई प्रथम मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण पीठासीन अधिकारी कोर्ट में हुई।
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कोर्ट ने वाहन का बीमा करने वाली कंपनी को क्षतिपूर्ति मुआवजा देने के निर्देश दिए है। साथ ही यह भी कहा है कि रिस्क कवर करने के लिए वाहन मालिक अगर समय पर प्रीमियम की राशि जमा कर रहे हैं तो संबंधित बीमा कंपनी की जिम्मेदारी बनती है कि रिस्क कवर किया जाए। फैसले में कोर्ट ने मृत कर्मचारी के परिवार को 10 लाख रुपये की राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए है। साथ ही ब्याज का निर्धारण मृत कर्मचारी के परिजनों ने जब से मुकदमा दायर किया है उस तिथि से भुगतान करने की तिथि तक ब्याज की गणना की जाएगी।