BILASPUR. सेंट्रल जेल में सजा काट रहे बंदियों को पैरोल देकर उनके घर-परिवार के साथ थोड़ा समय गुजारने का अवसर दिया जाता है। इस पैरोल बेल से बंदियों को काफी राहत मिलती है। लेकिन कुछ ऐसे कैदी भी होते है जो इसका गलत उपयोग कर बाहर तो आते हैं लेकिन जेल वापस जाने के बजाए फरार हो जाते है। ऐसा ही एक मामला चकरभाठा क्षेत्र में आया। जहां सेंट्रल जेल से पैरोल पर आया बंदी जेल वापस जाने बजाए फरार हो गया था। बंदी को पुलिस ने 4 साल बाद गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें, मामला चकरभाठा थाना क्षेत्र का है। चकरभाठा थाने में प्रार्थी करमचंद अंचल उम्र 45 वर्ष निवासी ग्राम कनेरी थाना चकरभाठा से फरार आरोपी बुंदराम जांगडे उम्र 65 वर्ष निवासी ग्राम कनेरी के खिलाफ अश्लील गाली-गलौज व मारपीट कर चोट पहुंचाने का मामला दर्ज कराया गया था।
इस पर प्रकरण के आरोपियों को न्यायालय ने आजीवन कारवास की सजा दी थी। आरोपी बुंदराम जांगड़े ने सेंट्रल जेल बिलासपुर से पैरोल के लिए आवेदन दिया था। आवेदन स्वीकार कर ली गई और वह घर आया था। लेकिन पैरोल खत्म हो जाने के बाद भी सेंट्रल वापस जाने के बजाए फरार हो गया।
ये भी पढ़ेंः छत्तीसगढ़ में दो आईपीएस अधिकारियों का तबादला, नेहा चंपावत होंगी नई गृह सचिव, पढ़ें आदेश
लगभग 4 साल से वह फरार चल रहा था। इस संबंध में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने याचिका प्रकरण सीआरए नंबर 689/ 2017 के माध्यम से गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। चकरभाठा पुलिस के द्वारा लगातार पैरोल पर आए फरार बंदी का पता लगाया जा रहा था।
ये भी पढ़ेंः पशु तस्करों पर जशपुर पुलिस का टायर फाड़ एक्शन, दो करोड़ के वाहन जप्त
इसी दौरान मुखबीर से सूचना मिली कि आरोपी को अपने गांव कनेरी में देखा है। इस पर थाना प्रभारी रविन्द्र अनंत ने हमराह प्रधान आरक्षक निर्मल सिंह, आरक्षक सतपुरन जांगडे के साथ आरोपी के घर दबिस देकर उसे अभिरक्षा में लेकर थाना लाया गया। हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए पुलिस ने आरोपी को सेंट्रल जेल भेज दिया।