SUKMA.छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक अनोखी घटना सामने आई है, जहां एक आदिवासी महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया है। 24 वर्षीय आदिवासी महिला ने 4 बच्चों को जन्म दिया है। सभी बच्चे स्वस्थ बताए जा रहे हैं। इनमें दो लड़के और दो लड़की हैं। 3 बच्चों का वजन दो किलो है वहीं एक बच्चे का वजन डेढ़ किलो हैं।
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बच्चों के जन्म से परिवार में खुशी का माहौल है। फिलहाल सभी बच्चों को जगदलपुर के एक निजी अस्पताल में रखा गया है। देश—दुनिया में कई ऐसे दम्पति हैं जो एक बच्चे की किलकारी सुनने के लिए सालों तरस जाते हैं। यहां तक की आईवीएफ का सहारा तक लेना पड़ता है। उसके बावजूद उन्हें संतान का सुख प्राप्त नहीं होता है लेकिन सुकमा जिले के जैमैर गांव में एक आश्चर्यचकित कर देने वाला मामला सामने आया है।
दरअसल, सुकमा जिले के तोंगपाल क्षेत्र अंतर्गत जैमेर गांव में रहने वाले हिड़मा कवासी की तीसरी पत्नी दशमी कवासी को प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार शाम को जगदलपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। गुरुवार शाम को ऑपरेशन कर सभी बच्चों को निकाला गया। हिड़मा ने बताया कि उसकी यह तीसरी बीवी है। पहली बीवी हुंगी को एक बेटी थी जिसकी 15 साल पहले बीमारी की वजह से मृत्यु हो गई। बेटी 9वीं कक्षा में पढ़ रही थी। इसके बाद कई साल पहली पत्नी से बच्चे नहीं हुए।
हिड़मा ने उसी इलाके में रहने वाली नंदे से दूसरी शादी की। कई साल बीत जाने के बाद भी नंदे को बच्चे नहीं हुए। बच्चे की चाहत में हिड़मा ने साल 2021 में तीसरी शादी दशमी से कर ली। तीन साल बाद हिड़मा और दशमी को एक साथ चार बच्चे हुए हैं।
सोनोग्राफी जांच में 3 बच्चे आए नजर
हिड़मा कवासी ने बताया कि मंगलवार शाम को अस्पताल में भर्ती किया गया। बुधवार को डॉक्टर्स की टीम ने पत्नी दशमी कवासी का स्वास्थ्य परीक्षण किया। वहीं गुरुवार को सोनोग्राफी की गई जिसमें चिकित्सकों ने 3 बच्चे होने की बात कही। लेकिन शाम को जब ऑपरेशन हुआ तो 4 बच्चों ने जन्म लिया। एक साथ चार बच्चों को देख डॉक्टर्स भी हैरान हो गए।