RAIPUR. रायपुर में फायरिंग मामले में क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई की है। राजधानी में रिंग रोड-1 पर तेलीबांधा के करीब ठेकेदार के दफ्तर पीआरए कंस्ट्रक्शन पर फायरिंग मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि हरियाणा का अमनदीप वाल्मीकि वारदात का मास्टरमाइंड है। पकड़े गए आरोपियों में वह भी शामिल है। गोलियां अमन साहू गैंग के इशारे पर सिरसा (हरियाणा) के एक गैंग ने चलवाई थीं। सिरसा गैंग के जिस हैंडलर अमनदीप वाल्मीकि ने रायपुर में फायरिंग की सुपारी ली और शूटर, बाइक तथा पिस्टल उपलब्ध करवाई थी, उसे भी रायपुर क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया है।
रायपुर क्राइम ब्रांच ने अमनदीप के अलावा इन शूटरों की मदद करने वाले 5 और आरोपियों को झारखंड के गुमला, लोहरदगा, रांची और हरियाणा के सिरसा से गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक अभी दो लोगों को और पकड़ा जाना है, जिनकी पहचान कर ली गई है। यह खुलासा कंट्रोल रूम में एएसपी क्राइम ब्रांच संदीप मित्तल, एएसपी लखन पटले, डीएसपी क्राइम संजय सिंह, सीएसपी अनुराग झा, इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच परेश पांडे और इंस्पेक्टर विनय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में किया और बताया कि पूरी कार्रवाई रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा तथा एसएसपी संतोष कुमार सिंह की सीधी निगरानी में की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक 13 जुलाई को रिंग रोड पर उद्योग के सामने पीआरए कंस्ट्रक्शन के बाहर खड़ी कार पर दो नकाबपोश शूटर गोलियां दागकर भाग निकले थे। इस वारदात में पुलिस ने अमनदीप वाल्मीकि उर्फ अम्मू (30) सिरसा, दीप यादव (23), गुमला, शाहिद अंसारी (22) लोहरदगा, शाहिद अंसारी (25) रांची, रवि सेन (22) सिरसा, लक्ष्मण बाजीगर (23) सिरसा को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से 4 आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाया जा रहा है। दो लोगों को पहले ही पकड़ लिया गया था, जिसमें से एक जेल भेज दिया गया है और दूसरा रिमांड पर रायपुर पुलिस के पास है।
शूटरों ने जिस पल्सर बाइक का इस्तेमाल किया था, वह वारदात के एक घंटे बाद ही मिल गई थी। इसके बाद रायपुर आईजी और एसएसपी ने टास्क फोर्स गठित कर दी। इस फोर्स की अलग-अलग टीमों तत्काल ही झारखंड रवाना कर दी गई थीं। वहां से मिली सूचनाओं पर तीन टीमें हरियाणा भेजी गईं। अफसरों के मुताबिक वारदात की रात ही वारदात करवाने वाले हैंडलर अमनदीप वाल्मीकि का सुराग मिल गया था। इसी आधार पर उसे तथा दो और लोगों को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद झारखंड से 3 युवकों की गिरफ्तारी की गई, जिनका संबंध अमन साहू गैंग से था, जिन्हें मयंक सिंह ने उपलब्ध करवाया था।