RAIPUR. छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू कर दी गई है। इसी के साथ यह नीति अब इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में जुलाई-अगस्त से नया सत्र शुरू होगा। NEP एनईपी के तहत अब सैद्धांतिक पढ़ाई की बजाय प्रायोगिक पढ़ाई पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। इसे रोजगारमूलक बनाया जाएगा। पढ़ाई की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए नियमित अध्यापकों के अलावा विजिटिंग प्रोफेसर, प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस तथा एडजंट फैकल्टी की नियुक्ति भी की जाएगी।
दरअसल, विवि से संचालित स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम जिसमें बीएससी (आनर्स) कृषि, बीटेक कृषि अभियांत्रिकी एवं बीटेक खाद्य प्रौद्योगिकी में इसे लागू किया जाएगा। स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेशित छात्र प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष में यदि पढ़ाई छोड़ना चाहे तो उन्हें इसकी अनुमति होगी। उन्हें पात्रतानुसार सर्टिफिकेट और डिप्लोमा दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य प्रावधान भी हैं।
गौरतलब है कि उधर, उच्च शिक्षा से जुड़े कॉलेजों में यूजी फर्स्ट ईयर की पढ़ाई इस बार एनईपी के तहत होगी। इसके अनुसार प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। विवि के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की अध्यक्षता में आयोजित विद्या परिषद की बैठक में एनईपी के प्रस्ताव पर मुहर लगी।
दूसरी ओर, प्रदेश में अब करीब सवा दो लाख शिक्षकों को छुट्टी के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। 15 जुलाई से यह सिस्टम लागू होगा। डीपीआई ने इसके लिए अवकाश प्रबंधन पोर्टल बनाया है। छुट्टी मंजूर करने संयुक्त संचालक और डीईओ कार्यालय का चयन किया गया है। 15 जुलाई इसी पोर्टल पर अर्जी लेने व छुट्टी मंजूर करने का काम होगा।