BEIRUT. इजराइल अपने दुश्मनों को खत्म करने में जुटा है। इस दौरान इजराइल ने 24 घंटे के भीतर अपने दो दुश्मनों को खत्म कर दिया है। दरअसल, लेबनान की राजधानी बेरूत में हमला किया और हिजबुल्लाह के शीर्ष सैन्य कमांडर फउद शुकर को मार गिराया। उसके बाद मंगलवार-बुधवार की रात ईरान की राजधानी तेहरान में भी हमला कर दिया और हमास चीफ इस्माइल हानिया को मार गिराया है। 7 अक्टूबर को हमास द्वारा हमला किए जाने के बाद इजरायल लगातार अपने दुश्मनों को टारगेट कर रहा है और गाजा पट्टी को कब्रिस्तान में तब्दील कर दिया है।
इस बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास को खत्म किए बिना गाजा से वापस नहीं लौटेंगे. हम अपने लक्ष्य से पीछे हटने वाले नहीं हैं। नेतन्याहू पिछले 10 महीने से अपने इस बयान पर अडिग हैं और दुनिया की परवाह किए बिना इजरायली सेना फिलिस्तीन के गाजा पट्टी में लगातार हवाई हमले कर रही है। दुश्मनों के ठिकानों पर आखिरी कील ठोंकने के लिए इजरायली सेना के निशाने पर लेबनान जैसे पड़ोसी देश भी हैं। इजराइल ने पिछले 24 घंटे के दरम्यान दो देशों में घुसकर दो बड़े हमले किए और अपने दो सबसे बड़े दुश्मनों का खात्मा किया है।
बता दें कि इजरायली सेना ने मंगलवार को सबसे पहले लेबनान की राजधानी बेरूत में हमला किया और हिजबुल्लाह के नंबर-2 यानी शीर्ष सैन्य कमांडर फउद शुकर का खात्मा कर दिया। उसके बाद इजरायली सेना ने बुधवार तड़के ईरान की राजधानी तेहरान में हमला किया और हमास के चीफ इस्माइल हानिया और उसके बॉडीगार्ड को मार गिराया। हानिया यहां छिपा बैठा था, एक दिन पहले ही वो ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचा था।
बता दें कि हिज्बुल्लाह, लेबनान और मध्य पूर्व के बड़े हिस्से में सबसे प्रभावशाली शिया सैन्य समूहों में से एक है। इसका गठन 1982 में उस समय हुआ था, जब इजरायल ने लेबनान पर आक्रमण किया था। हिजबुल्लाह का मुख्य उद्देश्य लेबनान से इजरायली बलों को बाहर निकालना और एक इस्लामी राज्य की स्थापना करना था। हिजबुल्लाह ने राजनीतिक पार्टी के रूप में भी खुद को पेश किया है और लेबनान की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका थी। यह संगठन इजरायल के साथ कई बार संघर्ष में शामिल रहा है और इसे ईरान और सीरिया से समर्थन मिलता है।
हिजबुल्लाह क्यों इजरायल के निशाने पर
बता दें कि 27 जुलाई की शाम को उत्तरी इजरायल के एक फुटबॉल मैदान को हिजबुल्लाह ने ईरानी फलक-1 रॉकेट से निशाना बनाया था। इस रॉकेट हमले में मैदान में खुल रहे 12 बच्चों की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद ही इजरायल ने बदला लेने की कसम खाई थी और हिजबुल्लाह को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। फउद शुकर हिज्बुल्लाह के सेक्रेटरी जनरल हसन नसरल्लाह का राइट हैंड हाथ था। वो हमलों और ऑपरेशन की योजना बनाने और निर्देशित करने में नसरल्लाह का सलाहकार था।