RAIPUR. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाले (पीएससी) की केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने जांच शुरू कर दी है। इस दौरान सीजी पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव के ठिकानों पर मारे गए हैं। सीबीआई सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष और सचिव के साथ ही परीक्षा नियंत्रण के आवासीय परिसरों की तलाशी ली जा रही है। रायपुर और भिलाई में 6 से ज्यादा अफसर कई दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।
सीबीआई अधिकारी CG पासिंग गाड़ी में पहुंचे हैं। 2021 की परीक्षा में अनियमितता होने की शिकायत के बाद BJP सरकार ने इसकी जांच का जिम्मा CBI को दिया है। बताया गया कि पिछले एक महीने से केस में गोपनीय जांच कर रहे अफसरों ने सोमवार यानी 15 जुलाई को जांच करने की आधिकारिक पुष्टि की है।
बता दें कि तत्कालीन अध्यक्ष, अधिकारियों और राजनेताओं के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को 2020-22 के दौरान जिला कलेक्टरेट और डिप्टी एसपी के रूप में नियुक्त किया गया था।
एजेंसी ने तत्कालीन सीजीपीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जेके ध्रुव और अन्य के खिलाफ कथित भाई-भतीजावाद और अपने अयोग्य बेटों, बेटी, रिश्तेदारों और परिचितों को जिला कलेक्टरों, डिप्टी एसपी के बड़े पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में डालने के आरोप में FIR दर्ज की है।
CBI ने आरोप लगाया है कि सोनवानी के बेटे नितेश को कथित तौर पर डिप्टी कलेक्टर, उनके बड़े भाई के बेटे साहिल को डिप्टी एसपी और उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी, उनके बेटे की पत्नी निशा कोसले को डिप्टी कलेक्टर और उनके भाई की बहू को कथित तौर पर डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया था। CBI के अनुसार छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे (सुमित) को डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित किया।