RAIPUR. छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हुई हिंसा से करोड़ों रुपए के सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को प्रदर्शनकारियों द्वारा नुकसान पहुंचाया गया है। अब इस मामले पर राज्य सरकार बड़ी कार्रवाई के मूड में नजर आ रही है। जिसमें इस घटना के दोषियों से ही सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई कराने पर विचार किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार है, इससे पहले भी डबल इंजन वाले राज्यों में अपराधियों को लेकर राज्य सरकारें सख्त नजर आई हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया, तो कहीं उनकी संपत्तियों को कुर्क कर नुकसान की भरपाई की गई। अब कुछ ऐसा ही छत्तीसगढ़ में नजर आने वाला है। जहां पर बलौदा बाजार हिंसा में हुई सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई राज्य सरकार दोषियों से करवा सकती है।
इस पर राज्य सरकार बहुत गंभीरता से विचार भी कर रही है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि राज्य सरकार जल्द ही कोई निर्णय लेगी। तो वहीं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि संपत्तियों को जलाया गया है।
ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनसे वसूली की जाएगी। भरपाई तो अपराधियों से ही की जाएगी। वहीं मामले पर पूर्व मंत्री शिव डहरिया का कहना है कि सरकार दोषियों को न पकड़कर निर्दोष लोगों पर कार्रवाई कर रही है। जो बर्दाश्त नहीं होगा ।
निश्चित रूप से संविधान आपको अपनी बात रखने का अधिकार देता है ।लेकिन इसका यह मतलब नहीं की अपनी बात को रखने के लिए प्रदर्शन के माध्यम से करोड़ों रुपए के निजी या सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जाए।
बहरहाल अब देखना होगा कि राज्य सरकार क्या उत्तर प्रदेश या मध्य प्रदेश की तरह कोई निर्णय लेगी। ताकि इस तरह के कारवाईयों से प्रदर्शनकारियों के हौसले पस्त हो सके और सरकारी संपत्तियों को ऐसे प्रदर्शनकरियों से बचाया जा सके?