BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 22 साल पहले नियुक्त शिक्षाकर्मियों की पेंशन से संबंधित याचिका की सुनवाई की गई। मामले की सुनवाई जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास के बेंच में हुई। हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि याचिकाकर्ताओं को किस पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा। यदि पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा तो उसके लिए राशि की व्यवस्था कैसे होगी। कोर्ट ने इस मामले में वित्त सचिव को जवाब देने को कहा है।
बता दें, करण सिंह बघेल और अन्य 39 ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। याचिका में बताया गया है कि उनकी नियुक्ति वर्ष 1998 से शिक्षाकर्मी के पद पर हुई थी। वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने उनका शिक्षा विभाग में संविलियन किया। इसके बाद याचिकाकर्ताओं को इसी साल से पेंशन योजना का लाभ दिया गया।
विभाग ने याचिकाकर्ताओं की सहमति के बगैर नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत वेतन में से कटौती शुरू कर दी है। साथ ही उनकी सेवा वर्ष की गणना वर्ष 2018 से की गई है। याचिका में बताया गया है कि नई पेंशन योजना वर्ष 2004 से लागू है। जबकि याचिकाकर्ता वर्ष 1998 से कार्यरत है। इस तरह किसी भी नियुक्ति में सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति से की जाती है लेकिन याचिकाकर्ताओं के मामले में ऐसा नहीं किया गया।
याचिका में की पुरानी पेंशन स्कीम की मांग
याचिकाकर्ताओं ने नई पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाना गलत बताया। याचिका में पुरानी पेंशन स्कीम ही लागू कराने की मांग की गई है। कोर्ट ने वित्त सचिव से जवाब मांगा है। इस मामले की सुनवाई आगामी 26 जुलाई को होगी। इस दिन वित्त सचिव को जवाब पेश करना होगा।
क्या है नई पेंशन स्कीम
नई पेंशन योजना दिसंबर 2003 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए सरकार द्वारा शुरू की गई थी और 1 अप्रैल 2004 को लागू हुई। यह सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों दोनों पर लागू है। एनपीसएस के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान करते है जबकि उनके नियोक्ता 14 प्रतिशत योगदान कर सकते है। निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के पास भी दनपीएस में सक्रिय रूप से भाग लेने का विकल्प है। इस योजना के साथ उपभोक्ताओं को अपने भाग्य पर अधिक स्वतंत्रता और नियंत्रण मिलता है क्योंकि वे बिना किसी रिटर्न की गारंटी के बाजार से जुड़े रिटर्न का लाभ उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त परिपक्वता पर 60 प्रतिशत राशि कर मुक्त होती है जबकि शेष 40 प्रतिशत को वार्षिकी में निवेश किया जाना चाहिए जो 100 प्रतिशत कर योग्य है।
जानें क्या है पुरानाी पेंशन स्कीम
पुरानी पेंशन योजना 1950 के दशक में शुरू की गई थी और यह केवल सरकारी कर्मचारियों पर लागू है। इस पर योजना के तहत सरकारी कर्मचारी अपने अंतिम प्राप्त मूल वेतन का 50 प्रतिशत और सेवानिवृत्ति पर महंगाई भत्ता या पिछले दस महीनों के रोजगार के दौरान उनके वेतन का औसत जो भी उनके लिए अधिक अनुकूल हो प्राप्त करने के हकदार है। इसके अतिरिक्त पेंशन लाभ के लिए पात्र बनने के लिए उन्हें 10 साल की सेवा की आवश्यकता को पूरा करना होगा। इस योजना के लिए किसी भी कर्मचारी योगदान की आवश्यकता नहीं है और यह सेवानिवृत्ति के बाद गारंटीकृत आय प्रदान करती है।