KANKER. छत्तीसगढ़ की कांकेर लोकसभा सीट पर चुनाव में EVM में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर चुनाव आयोग ने जांच के आदेश दिए हैं। अब यहां पर EVM की जांच कराई जाएगी। कांकेर लोकसभा के 4 मतदान केंद्रों में EVM की जांच होगी। चुनाव आयोग ने कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर की याचिका मंजूर कर ली है। बीरेश ठाकुर ने 4 मतदान केंद्रों के EVM में गड़बड़ी की आशंका जताई थी। बालोद, गुण्डरदेही, सिहावा के 4 मतदान केंद्रों में काउंटिंग होगी। बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर की 1884 वोटों से हार हुई थी।
इसके अलावा अहमदनगर (महाराष्ट्र) से भाजपा के उम्मीदवार सुजय विखे पाटिल ने 40 मतदान केंद्रों से संबंधित ईवीएम का सत्यापन कराने की मांग की है। विखे पाटिल राकांपा (शरद पवार) गुट के नीलेश लंके से हार गए थे। निर्वाचन आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कषगम (डीएमडीके) के एक-एक उम्मीदवार ने भी सत्यापन के लिए आवेदन किया है। आयोग के अनुसार, छह राज्यों की आठ संसदीय सीट के लिए ईवीएम सत्यापन की मांग की गई है। इसने कहा कि जिन मतदान केंद्रों के लिए सत्यापन की मांग की गई है, उनकी कुल संख्या 92 है।
निर्वाचन आयोग द्वारा एक जून को जारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, दूसरे या तीसरे स्थान पर आने वाले उम्मीदवारों को ईवीएम सेट के लिए 47,200 रुपये का भुगतान करना होगा।
संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, ईवीएम की जांच और सत्यापन के लिए ईवीएम बनाने वाली कंपिनयों-भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) ने 40,000 रुपये (और 18 फीसदी जीएसटी) की राशि तय की है।
इसके अलावा, आंध्र प्रदेश और ओडिशा से क्रमशः वाईएसआरसीपी और बीजू जनता दल (बीजद) के उम्मीदवारों ने भी चार जून को विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद ईवीएम जांच के लिए आवेदन किया है। लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी हुए थे। विधानसभा चुनाव परिणामों के सत्यापन के लिए जो आवेदन आए हैं उनमें कुल तीन विधानसभा क्षेत्र हैं जहां 26 मतदान केंद्रों के संबंध में सत्यापन की मांग की गई है।
एसओपी के अनुसार, संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को परिणाम घोषित होने की तारीख से 30 दिन के भीतर चार जुलाई तक आवेदकों की समेकित सूची निर्माताओं को भेजनी होगी। निर्वाचन आयोग ने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी तय समय से 15 दिन पहले ही निर्माताओं को इस बारे में बता चुके हैं।