BILASPUR. सरकारी अस्पतालों में सेवारत डॉक्टरों के निजी अस्पतालों में सेवा देने की खबरें आती रहती है। इसके लिए डॉक्टरों से शासन से अनुमति लेनी होती है। बहुत से डॉक्टर तो नियम के मुताबिक सेवाएं देते है लेकिन अधिकतर डॉक्टर बिना बताए ही निजी अस्पतालों में सेवा देते हैं। सरकारी अस्पतालों में कम समय और निजी अस्पतालों में अधिक समय भी देते हैं। इस तरह की शिकायत के बाद शासन ने सख्त रूख अपनाने का निर्णय लिया है। अब ऐसे डॉक्टरों पर नर्सिग होम एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी है।
बता दें, सीएमएचओ ने निजी अस्पताल में काम करने वाले सरकारी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए है। इसके तहत जल्द ही छापामार कार्रवाई की जाएगी। नियम विरूद्ध काम करने वाले चिकित्सकों पर नर्सिंग होम एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सीएमएचओ डॉ.प्रभात श्रीवास्तव के पास इस तरह की शिकायत बार-बार आ रही थी कि सरकारी अस्पताल के चिकित्सक बिना सूचना के निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं। इस वजह से अक्सर वे सरकारी अस्पताल में ओपीडी से गायब रहते हैं। इससे सरकारी अस्पतालों की हालत खराब है मरीजों के उपचार में लापरवाही हो रही है। इसी के चलते कार्रवाई की तैयारी है।
की जाएगी छापामार कार्रवाई
निजी अस्पतालों में सेवा देने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तैयारी तो पूरी हो चुकी है। अब छापामार कार्रवाई करते हुए जांच किया जाएगा। जांच के दौरान सेवा देते मिलने वाले चिकित्सकों के विरूद्ध कार्रवाई होगी।
सरकारी डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस के नियम
सरकारी सेवाएं देने वाले डॉक्टरों के लिए निजी प्रैक्टिस के लिए नियम है। इसमें सबसे पहले तो प्रैक्टिस के लिए अनुमति लेनी होती है। इसके अलावा ओपीडी के बाद निजी अस्पतालों में सेवा का समय व वहां मिलने वाली आमदनी की भी जानकारी देनी होती है। सरकारी अस्पताल के ओपीडी के समय पर प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं।