BILASPUR. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के गेवरा कुष्मांडा में एसईसीएल की खदानें संचालित है। जहां से देश भर में कोयला वितरण होता है, लेकिन वहां रहने वाले ग्रामीणों की हालत खराब हो चुकी है क्योंकि जमीन अधिग्रहण करते समय किसी ने नौकरी देने का वादा ग्रामीणों से किया था। पर कुछ भी नहीं मिला। इसी के विरोध में लोगों ने एसईसीएल ऑफिस के सामने आंदोलन शुरू किया।
बता दें, एसईसीएल पर जमीन अधिग्रहण कर नौकरी न देने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। ग्रामीणों के खेतों और जमीनों को एसईसीएल में कोयला निकालने के लिए इस्तेमाल कर लिया।
लेकिन जब नौकरी देने की बारी आयी तो एसईसीएल में मुंह मोड़ लिया। कई वर्षों तक इंतजार कर रहे हैं अब ग्रामीणों के सब्र का बांध आखिरकार टूट गया है और गेवरा कुष्मांडा से सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होकर ग्रामीणों ने एसईसीएल मुख्यालय का घेराव कर दिया।
वादे से मुकरने का आरोप
ग्रामीणों के मुताबिक एसईसीएल द्वारा छोटे ग्रामीणों को नौकरी का वादा देकर उनकी जमीने अधिग्रहित की गई थी लेकिन जब नौकरी की बारी आयी तो एसईसीएल अधिनियम 2012 का हवाला देकर उन्हें नौकरी से वंचित किया जा रहा है, जबकि 2004 में इस तरह का कोई नियम नहीं था। अब ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें नौकरी में पात्रता दी जाए।