RBI NEWS. भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई की ने नई गाइड लाइन जारी की है। इस नए गाइड लाइन से बैंक अकाउंट धारकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे ग्राहकों को समस्या भी हो सकती है। आरबीआई ने नए नियम के तहत तीन साल से खाते में लेन-देने नहीं करने और जीरो बैलेंस की स्थिति होने पर एक्शन लेने का निर्णय लिया है। इसके तहत बैंक अकाउंट को बंद किया जा सकता है।
बता दें, भारतीय रिजर्व बैंक ने खाते में शून्य राशि और निष्क्रिय बैंक खातों को लेकर खास कदम उठाया है। इस नए नियम के मुताबिक यदि किसी के खाते में राशि जमा है और उसने अभी तक कोई लेन-देने नहीं किया है तो समस्या बढ़ जाएगी।
गाइड लाइन में साफ तौर पर कहा गया है कि ऐसे बैंक खाते जिनमें विगत तीन वर्षों से ग्राहक ने कोई लेन-देन नहीं किया है उन खातों में बिल्कुल भी बैलेंस नहीं है तो जालसाज के दुरूपयोग व निहित जोखिम रोकने के उद्देश्य से बैंकों द्वारा ऐसे शून्य शेष के डारमेंट या निष्क्रिय खातों को बंद किया जाएगा।
छात्रों को दी जाएगी छूट
आरबीआई के नए गाइड लाइन में स्टूडेंट्स को छूट दी गई है। उनके बैंक खातें पर छूट दी जाएगी। क्योंकि उनके पास आय का साधन नहीं होता है ऐसे में स्टूडेंट अकाउंट होल्डर्स को छूट दी जा रही है।
खाता चालू रखना है तो बैंक से करें संपर्क
कई ऐसे व्यक्ति है जिनके कई अकाउंट होते है। सभी अकाउंट में बैलेंस मेंटेन करना और लेन-देन करना संभव नहीं होता है। वहीं कुछ अकाउंट धारक बहुत कम ही लेन-देन करते है।
ऐसे खाता धारकों को यदि अपने अकाउंट को चालू रखना है तो बैंक जाकर इस विषय में जानकारी ले और खाते में लेन-देन शुरू करें।
10 लाख से अधिक रखने पर देनी होगी जानकारी
आरबीआई के नए वित वर्ष में किसी भी अकाउंट में अधिकतम राशि कितनी रख सकते है। इसकी भी जानकारी दी गई है।
आरबीआई के मुताबिक यदि कोई अकाउंट धारक 10 लाख से अधिक रुपये रखता है तो उसे इसकी जानकारी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स को देना होगा। यह नियम लिमिट एफडी में कैश डिपॉजिट म्युचुअल फंड, बॉड और शेयर में निवेश पर भी लागू होगी।