BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सेवानिवृत्ति के बाद समस्त सेवानिवृत्ति देयक राशि का भुगतान नहीं मिलने पर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कोर्ट को बताया कि गया याचिकाकर्ता 4 साल पूर्व ही सेवानिवृत्त हो गए है और अभी तक उनको सेवानिवृत्ति देयक राशि का भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ सहित सचिव नगरीय प्रशासन को निर्देश देते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।
बता दें, विनोद शेल्के ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया है कि 30 अप्रैल 2020 को 62 वर्ष की आयु पूर्व करने पर सहायक राजस्व निरीक्षक के पद से नगर पंचायत-पिथौरा से सेवानिवृत्त हुए।
सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत ले दो ग्रेज्युटी एवं अवकाश नकदीकरण राशि के भुगतान का आदेश जारी किया। चार वर्ष की समयावधि बीत जाने के बाद भी उसे उक्त देयक का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया गया है।
मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा(पेंशन) नियम 1976 में प्रविधान है कि किसी भी शासकीय कर्मचारी के सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान किया जाना है। परन्तु याचिकाकर्ता के सेवानिवृत्ति को चार वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें देयक का भुगतान न कर परेशान किया जा रहा है।
कोर्ट ने जताई है सख्त नाराजगी
बीते सुनवाई में कोर्ट ने पिथौरा नगर पंचायत के सीएमओ से जबाव पेश करने का निर्देश दिया था। कोर्ट के निर्देश के बाद भी सीएमओ ने अब तक जवाब पेश नहीं किया है।
इस बात को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई और व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी पिथौरा को 11 जून को हाईकोर्ट के समक्ष उपस्थित होने कहा गया है।
मांगा है कोर्ट ने स्पष्टीकरण
हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सचिव नगरीय प्रशासन को निर्देश दिए हे कि नगर पंचायत पिथौरा सीएमओ को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के संबंध में निर्देशित करें और यह भी स्पष्टीकरण देने कहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी याचिकाकर्ता को उनके सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान क्यों नहीं किया गया है।
कोर्ट के आदेश का तय समय सीमा में परिपालन ना किए जाने से कोर्ट नाराज है और सचिव नगरीय प्रशासन को नोटिस जारी किया है।