BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हत्या के एक मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए जिला कोर्ट के फैसले को सही बताया है। साथ ही इसे चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य वे तथ्य है जिनके बारे में न्यायालय आगे अनुमान लगा सकता है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य के मामलों में अदालतों को उपलब्ध साक्ष्यों से निष्कर्ष निकालने के लिए कहा जाता है। इसमें आरोपी को दोषी ठहराया जा सकता है। कोर्ट में सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी और संजय एस अग्रवाल के डिवीजन बेंच में हुई।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में हत्या के मामले में जिला न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए जिला कोर्ट के फैसले को उचित बताया है। वहीं याचिका खारिज कर दी है। मामला रायपुर जिले के धरसींवा क्षेत्र का है। जहां पर एक व्यक्ति की हत्या कर लाश कुएं में डुबा दी गई थी।
शव बरामद करने के बाद पुलिस की जांच में पता चला कि मृतक की पत्नी का एक व्यक्ति से अवैध संबंध रहा है। इन दोनों पर संदेह जताया गया और फिर पुलिस ने इन दोनों व एक अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेजा। वहीं कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर उन्हें दोषी ठहराकर सजा भी सुनाई थी। हाईकोर्ट में भी ये तथ्य सामने आए।
पत्नी ने अपने बयान में बताया कि उसका पति शराब पीने का आदी था। मृतक की 13 साल की बेटी ने कोर्ट के समक्ष अपने बयान में कहा कि उसके पिता शराबी नहीं थे। वहीं बेटी को बयान देने से मां ने रोकने की भी कोशिश की थी। हाईकोर्ट ने आरोपितों की अपील को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट का यह फैसला न्याय दृष्टांत बन गया है।
क्या है पूरा मामला
खूबचंद साहू की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाना सिलतरा में उसकी पत्नी ने दर्ज कराई थी। पांच अक्टूबर 2017 को मृतक की पत्नी नीरा साहू ने बताया कि 27 सितंबर 2017 को उनके पति रात्रि 10 बजे से घर से बाहर गए थे। अत्यधिक शराब पीने की आदत के कारण हमेशा नशे की हालत में रहते है और जब रिश्तेदारों से मृतक के बारे में पूछताछ की गई तो उसका कोई अता-पता नहीं चला।
इसलिए गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जांच के दौरान मृतक की पत्नी नीरा साहू का याचिकाकर्ता भोजराम साहू के साथ संबंध था। नीरा साहू के अवैध संबंध थे इसलिए पति ने इसका विरोध किया था। 27 व 28 सितंबर मध्यरात्रि में भोजराम अपने साथी रवि सोनी के साथ मृतक के घर पहुंचा। उस समय वह सो रहा था। तीनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। शव को मोटर साइकिल में रखकर ले गए और गांव से दूर कुएं में डाल दिया।
मृतक की बेटी रानी उम्र में लगभग 13 वर्ष ने बताया कि उसकी मां भोजराम के साथ घूमती रहती थी। वह सिनेमाघर भी जाती थी। इस पर उनके पिता खूबचंद को आपत्ति थी। एक दिन जब उसके पिता ने विरोध किया तो भोजराम वहां आया और जाने से मारने की धमकी दी। इसके अलावा नीरा साहू व भोजराम के कॉल रिकॉर्ड से पता चला की वे अक्सर संपर्क में रहते थे। यह विवाहित महिलाओं में असामान्य है। सभी तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया था।