BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रायगढ़ के चर्चित डबल मर्डर केस में आरोपित नाबालिग ने अपने ही माता-पिता की हत्या की थी। इस मामले ट्रायल कोर्ट में व्यस्क की तरह ही सुनवाई की जा रही है और फैसला भी आने वाला है। इसको हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू की सिंगल बेंच में हुई। हाईकोर्ट ने इस मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनवाया है। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद कर दिया है। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 15 का पालन करने कहा है।
बता दे, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान पाया कि ट्रायल कोर्ट में नाबालिग आरोपी के ट्रायल के दौरान जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 15 का पालन नहीं किया था। उच्च न्यायालय ने रायगढ़ के जिला अदालत 3 साल तक चलाए गए ट्रायल फैसले को पूर्ण रूप से खारिज का दिया और नए सिरे से मामले की सुनवाई का आदेश दिया है।
मुख्य आरोपी है नाबालिग
3 साल पहले रायगढ़ में डबल मर्डर की घटना हुई थी। इस हत्याकांड में 17 वर्ष का मुख्य आरोपी पर व्यस्क की तरह केस चलाया गया था और उस पर फैसला भी आने वाला था। इस वजह से आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
क्या था पूरा मामला
सल 2021 में रायगढ़ में डबल मर्डर से सनसनी फेल गई थी। जानकारी के मुताबिक तांत्रिक के बहकावे में आकर आरोपी नाबालिग बेटे ने अपने ही माता-पिता की गला घोंट कर निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी।
आरोपित ने दोनों के शवों को रस्सी से बांधकर महानदी में फेंक दिया था। इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों तब गिरफ्तार किया था। इस केस में मुख्य आरोपी दंपत्ति का 17 साल का बेटा ही थाी। केस की गंभीरता को देखते हुए तब ट्रायल कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।
लेकिन निचली अदालत ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की महत्वपूर्ण धारा 15 की अनदेखी की। इसमें ऐसे नाबालिग आरोपी की मनोदशा, आईक्यू टेस्ट जैसी महत्वपूर्ण जांच का विवरण दिया है और एक संपूर्ण प्रक्रिया की व्याख्या की गई है।