RAIPUR. कोयला घोटाले मामले में आरोपी सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर आज रायपुर कोर्ट में सुनवाई होना था लेकिन यह सुनवाई टल गई है। इस तरह उन्हें जमानत भी नहीं मिली।
सौम्या चौरसिया ने अपने वकील के माध्यम से जमानत याचिका दाखिल की थी लेकिन इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई। सुनवाई टलने के बाद नई तारीख का ऐलान नहीं हुआ हैं।
सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद यह पहली जमानत याचिका है। आपको बता दें की ईडी ने कोयला घोटाले में सौम्या चौरसिया को बीते 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया और वह उसके बाद से लगातार केंद्रीय जेल रायपुर में बंद हैं।
4 महीने पहले उनके अधिवक्ताओं के प्रयासों को करारा झटका सुप्रीम कोर्ट से लगा। जब कि सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका तो खारिज की थी साथ ही याचिका में गलत तथ्य पेश करने पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगा दिया।
2018 से 2023 के बीच जबकि राज्य में कांग्रेस सरकार थी और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे। तब राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया जो कि मुख्यमंत्री सचिवालय में उपसचिव थी, उन्हें राज्य की सबसे शक्तिशाली महिला अधिकारी के रूप में जाना जाता था।
ईडी ने छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले मामले में एफआईआर दर्ज की और कोर्ट को बताया कि राज्य में कोल परिवहन के नियमों में संशोधन कर प्रति क्विंटल 25 रुपए टन की अवैध वसूली होती थी। ईडी ने इसे संगठित गिरोह द्वारा संचालित बताया।
ईडी के अनुसार सूर्यकांत तिवारी इस संगठित गिरोह के किनपिन थे। ईडी ने इस मसले में सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार करने के बाद यह बताया था कि सूर्यकांत तिवारी के प्रभाव के आगे पूरा तंत्र मौन था और सूर्यकांत तिवारी को यह शक्ति और प्रभाव सौम्या चौरसिया की वजह से हासिल था। आपको बता दे कि बीते 17 फरवरी को ईडी के प्रतिवेदन पर एसीबी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया है। सौम्या चौरसिया एसीबी के द्वारा दर्ज मामले में भी आरोपी हैं।