BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बाप-बेटी के रिश्ते को शर्मसार करने वाले पिता की अपील को खारिज कर दिया है। वहीं अपील खारिज होने के बाद अब आजीवन कारावास की सजा कुकर्मी पिता को भुगतना पड़ेगा। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत ने सुनवाई करते हुए डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट में आरोपी की संलिप्तता पायी गई। इस वजह से आरोपी के सजा को बरकरार रखा है।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में नाबालिग बेटी से संबंध बनाकर गर्भवती करने का मामला सामने आया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित सौतेले पिता की संलिप्तता का पता लगाने डीएनए टेस्ट करने का आदेश जारी किया था।
रिपोर्ट में आरोपी सौतेले पिता की संलिप्तता का पता चला। कोर्ट ने रिश्ते को शर्मसार करने वाले पिता की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखने का आदेश दिया।
पढ़ें क्या है पूरा मामला
सौतेली बेटी के गर्भवती होने पर पिता ने खुद ही पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराया। रिपोर्ट में बेटी के साथ दुष्कर्म होने की बात कहीं। पुलिस ने जब जांच की तब 14 वर्षिय नाबालिग ने पिता के साथ फिजिलक रिलेशनशिप स्थापित करने की बात बताई।
कई बार शारीरिक संबंध बनाने से नाबालिग गर्भवती हो गई। पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से जांच की।
पीड़िता के परिवार वाले इस बात को मान नहीं रहे थे ऐसे में पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके का प्रयोग कर नाबालिग का डीएनए टेस्ट व एफएसएल जांच कराया।
जांच में साबित हो गई संलिप्तता
कोर्ट के सामने प्रस्तुत किए गए नाबालिक के डीएनए व एफएसएल जांच रिपोर्ट में सौतेले पिता की संलिप्तता सिद्ध हो गई।
कोर्ट ने आरोपित को दोषी बताते हुए उसकी पूर्ववत सजा आजीवन कारावास को बरकरार रखने का आदेश दिया।