NEW DELHI. दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी गूगल अब पैसा वसूलेगी। दरअसल, गूगल अपने एआई आधारित सर्च सुविधा के लिए पैसे ले सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी इस पर विचार कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो यूजर्स को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।
इंटरनेट पर एआई आधारित सर्च सुविधा पर शुल्क लगाने से सूचना और ज्ञान के प्रवाह में अमीर-गरीब की खाईं और चौड़ी होगी। बता दें कि पारंपरिक सर्च के विपरीत एआई आधारित सर्च पूछे गए सवाल के मकसद को ज्यादा गहराई से समझता और संदर्भ के अनुसार ज्यादा सटीक जानकारी उपलब्ध कराने में सक्षम है।
गूगल के मुताबिक विज्ञापन-मुक्त खोज अनुभव पर काम नहीं कर रहे हैं या इस पर विचार नहीं कर रहे हैं। जैसा कि हमने पहले भी कई बार किया है, हम गूगल पर अपनी सदस्यता पेशकशों को बढ़ाने के लिए नई प्रीमियम क्षमताएं और सेवाएं बनाना जारी रखेंगे। हमारे पास अभी घोषणा करने के लिए कुछ भी नहीं है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गूगल एआई आधारित सर्च सुविधा लेने के वाले सदस्यों की अलग-अलग श्रेणी बना सकती है।
इसमें प्रीमियम सदस्य सेवाओं में अतिरिक्त सर्च सुविधा जोड़ने जैसे विकल्प शामिल होंगे। इसमें जीमेल और गूगल डॉक्स में कंपनी के जेमिनी एआई मदद की पेशकश की जाएगी।
बता दें कि दुनिया की सबसे बेहतर सर्च इंजन को गूगल ने 1996 में लॉन्च किया था। तब एक कंपनी के रूप में गूगल को स्थापित होने में दो साल लगे। अब यह सबसे आगे है। हालांकि हाल ही में मुफ्त एआई चैटबॉट ओपेनएआई को चैटजीपीटी ने तकनीक की दुनिया को बदल दिया है, जिसे 2022 में लॉन्च किया गया था। गूगल ने मार्च 2023 में बार्ड नाम से अपना खुद का चैटबॉट पेश किया था। इस साल फरवरी में इसे जेमिनी नाम से रीब्रॉन्ड किया।