BILASPUR. रेलवे में चोरी के मामले में गिरफ्तार आरोपित जेल के सामने बीमारी का बहाना करने लगा। आरपीएफ के जवानों ने उसे सिम्स में भर्ती कराया। अस्पताल में उपचार के दौरान आरोपित प्रधान आरक्षक को चकमा देकर भाग निकला। इसकी शिकायत प्रधान आरक्षक ने सिटी कोतवाली थाने में की है। इस पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।
बता दें, कोरबा के मोतीसागर पारा निवासी संतोष स्वीपर उम्र 40 वर्ष को आरपीएफ ने रेलवे संपत्ति की चोरी के मामले में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। न्यायालय के आदेश पर प्रधान आरक्षक आइपी दुगे और रामविलास आरोपित को जेल लेकर गए।
जेल में आरोपित ने शराब पीने की बात कही। साथ ही उसने सीने में दर्ज होने का बहाना किया। इस पर प्रहरी ने उसे जेल में लेने से इंकार करते हुए आरोपित को अस्पताल में भर्ती कराने कहा।
जेल के डाॅक्टर ने जांच के बाद सिम्स भेज दिया। सिम्स में डाॅक्टरों ने आरोपित को अस्पताल के आइसीयू में भर्ती किया। सिम्स में आरपीएफ के जवान बारी-बारी से ड्यूटी कर रहे थे।
बुधवार की सुबह नाश्ते के बाद आरोपित ने टायलेट जाने की बात कही। इस पर प्रधान आरक्षक उसे लेकर टायलेट तक गए। वहां पर आरोपित टायलेट जाने के बजाए दूसरे रास्ते से भाग निकला।
आरोपित के भागने की जानकारी लगने पर जवानों ने उसकी तलाश की। इसके बाद जवानों ने आरोपित के भागने की शिकायत कोतवाली थाने में की है। पुलिस ने जुर्म दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी है।
बीमारी के बहाने से भाग निकला
जेल में नियम के मुताबिक किसी भी बीमार आरोपित को जेल में लेने से पहले उसका उपचार कराया जाता है।
उपचार के बाद जब डाॅक्टर उसे स्वस्थ्य बता देते है तब ही उसे जेल में लिया जाता है। आरोपित ने बीमारी का बहाना बना कर भागने की योजना पहले ही बनायी होगी।