DANTEWADA. जिले में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। जहां सर्वाधिक नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में लगभग दो दर्जन नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। बताया जा रहा है कि ये सभी नक्सली अलग अलग इलाकों में सक्रिय थे।
एसपी गौरव रॉय ने बताया कि जिला मुख्यालय में लोन वर्राटू अभियान के तहत 23 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। समर्पण करने वाले ये सभी नक्सली अलग अलग इलाकों में सक्रिय थे
आपको बता दें कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही नक्सलियों का आतंक खत्म होते जा रहा है। लगातार नक्सली अब कमजोर पड़ते जा रहे हैं। हाल ही में हुए नक्सली मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को जवानों ने ढेर किया। जिसके बाद अब नक्सलियों में खौफ बना हुआ है।
इसके पहले 16 अप्रैल को प्रथम चरण के मतदान से पहले नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में पांच महिलाओं और तीन किशोरों सहित कुल 26 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में जोगा मुचाकी प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की ‘कोराजगुड़ा पंचायत जनताना सरकार’ का प्रमुख था और उसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम है।
दंतेवाड़ा जिले में ही 24 अप्रैल को तीन महिला नक्सलियों समेत 18 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली भैरमगढ़ और मलांगेर एरिया कमेटी में सक्रिय थे।
अमित शाह ने थी ये चेतावनी
आपको बता दें कि नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में विधानसभा चुनाव से पहले लगातार भाजपा के ग्रामीण नेताओं की हत्या हो रही थी। इसके बाद प्रदेश में जब चुनावी प्रचार प्रसार शुरू हुआ, तो विधानसभा चुनाव में ही देश के गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी चुनावी सभा में साफ-साफ कहा था कि यदि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनती है तो हम नक्सलवाद को 5 साल के अंदर छत्तीसगढ़ से समाप्त कर देंगे।
लेकिन समय के साथ अमित शाह का बयान बदलते रहा और प्रदेश में जब भाजपा की सरकार बन गई उसके बाद लोकसभा चुनाव का दौर शुरू हुआ और लोकसभा चुनाव के प्रचार प्रचार में अमित शाह ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को 3 साल में खत्म कर देंगे। इतना ही नहीं अमित शाह का फिर से छत्तीसगढ़ दौरा हुआ और वह बेमेतरा में चुनावी सभा को संबोधित करने आए तो उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को 2 सालों में खत्म कर देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी छत्तीसगढ़ के अपने हालिया दौरे में साफ शब्दों में कहा था कि हम छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को समाप्त कर देंगे। भाजपा नेताओं की बात कहे तो मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, गृहमंत्री विजय शर्मा भी लगातार कह रहे हैं कि नक्सली या तो सरेंडर कर दें या फिर बातचीत करें।
यदि ऐसा नहीं होता है तो हम नक्सलवाद को छत्तीसगढ़ से उखाड़ कर फेंक देंगे। जाहिर है भाजपा नेताओं की चेतावनी का असर रंग ला रहा है और नक्सली या तो बड़ी संख्या में मारे जा रहे हैं या फिर सरेंडर कर रहे हैं।