AMERICA NEWS. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी के बाद अब अमेरिका ने भी बयान दिया है। इस पर नई दिल्ली ने काफी सख्त प्रतिक्रिया दी है और अमेरिकी दूत को तलब कर 45 मिनट तक इस बाबत सवाल-जवाब किया गया है।
भारत ने इससे पहले जर्मनी के राजदूत को भी तलब किया था।
जब जर्मन विदेश मंत्रालय ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर टिप्पणी की थी। भारत ने साफ शब्दों में जर्मन राजदूत को कहा था, कि वो भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की हिम्मत ना करे और अब भारत ने अमेरिकी डिप्लोमेट को तलब किया है, जो भारतीय विदेश मंत्रालय में करीब 45 मिनट तक मौजूद रहीं।
केजरीवाल पर बोली कई बात
अमेरिकी सरकार ने मंगलवार को कहा था, कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता के हवाले से कहा हम मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया को प्रोत्साहित करते हैं। अमेरिकी सरकार की यह प्रतिक्रिया उस वक्त आयी थी। जब भारत ने केजरीवाल पर ही जर्मनी की प्रतिक्रिया के बाद सख्त रिएक्शन दिया था।
एक बयान में जर्मनी के विदेश मामलों के प्रवक्ता उम्मीद जताई थी, कि केजरीवाल के मामले में न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानक लागू किए जाएंगे। हालांकि, जर्मनी के प्रति भारत के विरोध के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार के साथ उनकी चर्चा पर टिप्पणी के लिए हम आपको जर्मन विदेश मंत्रालय के पास भेजेंगे।
सीएए कानून पर भी टिप्पणी
इससे पहले अमेरिका ने नागरिकता संशोधन कानून पर भी टिप्पणी की थी। इसको लेकर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी थी। वहीं दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था।
यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लाॅन्ड्रिंग से संबंधित है, इसे बाद में रद्द कर दिया गया था। इस मामले में केजरीवाल ने अपनी ओर से किसी भी गलत काम से इनकार किया है, जबकि उनकी पार्टी ने उनकी गिरफ्तारी को आम चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध कहा है।