BHILAI. श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई में साइंस अध्ययन विभाग में दो दिवसीय सेमीनार में स्वदेशी तकनीक विकसित भारत @2047 विषय पर चर्चा हुई। इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों ने चर्चा की साथ ही भारत को विकसित देश बनाने के लिए तकनीक के महत्व को बताया।
बता दें, 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर भिलाई के श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सी सेंट्रल वाटर बोर्ड के डाॅ.रजनीकांत शर्मा रहे। उन्होंने वाटर फुट प्रिंट के विषय में पीपीटी के माध्यम से बतया कि प्रतिदिन हम जितना पानी इस्तेमाल करते हैं उसका कुछ हिस्सा विजिबल वाटर यानी दिखाई देने वाला पानी होता है।
इसमें वो हिस्सा जो हम पीते हैं, नहाते हैं या कार, बर्तन या कपड़े धोने में इस्तेमाल करते है। एक कप काॅफी से लेकर पूरे खाने तक, कपड़े जो हम पहनते है उनसे लेकर हमारे सेलफोन तक सब कुछ बनाने में पानी की जरूरत पड़ती है। इसी को वर्चुअल वाटल अप्रत्यक्ष वाटर कहते है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति एके झा ने की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का अद्भूत पहलु यह है कि यह लोगों को समझाता है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हो रहे नए और उन्नत विकासों का सीधा संबंध उनके दैहिक और सामाजिक जीवन से कैसे है।
यह लोगों को विज्ञान की दुनिया के साथ जोड़ने में मदद करता है और उन्हें इसमें रूचि बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को महत्वपूर्णता देने और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण और आवश्यक दिन है। यह एक सामाजिक और शैक्षिक घटना है जो विज्ञान में रूचि बढ़ाने के लिए लोगों को मिलकर उत्साहित करती है और उन्हें वैज्ञानिक सोच और अनुसंधान के प्रति आत्मनिर्भर बनाती है।
विशिष्ट अतिथि कुलसचिव पीके मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2024 के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक देश के अमृत काल के दृष्टिकोण की ओध भी ध्यान दिलाता है तो विकसित भारत @2047 जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने में विज्ञान के महत्व पर भी बल देता है।
यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर सुशील चंद्र तिवारी ने कहा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रूचि बढ़ाने और योगदान करने का एक महत्वपूर्ण मौका है। इस दौरान सेमीनार में आए विषय विशेषज्ञों ने अपनी बातें विस्तार से कहते हुए विज्ञान के महत्व को बताया।
साइंटिफिक माडल की प्रदर्शनी रही खास
इस अवसर पर साइंटिफिक माडल प्रदर्शनी व पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें छात्रों ने अपने योग्यता व बुद्धिमत्ता के मुताबिक एक से बढ़कर एक तकनीक को दिखाने का प्रयास किया। लोग इसे देखकर काफी खुश हुए और छात्रों से साइंस माॅडल के विषय में जानकारी भी ली।
इनका रहा सहयोग
कार्यक्रम अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं बेसिक साइंस के प्राध्यापकों के माध्यम से किया गया। संयोजन डाॅ.प्राची निमजे ने किया। वहीं संचालन डाॅ.परख सहगल, पूजा, सौम्य ने किया। आभार प्रदर्शन डाॅ.संदीप श्रीवास्तव ने किया।