BILASPUR. कोल लेवी घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भिलाई विधायक देवेन्द्र यावद की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दी है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास के बेंच में हुई। इस मामले के सभी आरोपियों को 27 मार्च तक कोर्ट में हाजिर होने को कहा है। पहले भी विधायक कोर्ट नहीं पहुंचे थे और अनुपस्थित रहने पर माफ करने के लिए आवेदन लगाया था। कोर्ट ने दोनों पक्षों के सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट ने आवेदन खारिज किया।
बता दें, भिलाई विधायक देवेन्द्र यावद का नाम कोल लेवी मामले में आया है। कोर्ट ने माना था कि इस पूरे स्कैम से जुड़े पैसे का इस्तेमाल उन्होंने चुनाव में किया था। इसके बाद विधायक ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
पिछली सुनवाई में विधायक के वकील ने पैरवी करते हुए कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत देवेन्द्र यादव के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। इसलिए उन्हें अपराधी नहीं बनाया जा सकता।
उन्होंने कोर्ट से कहा कि किसी केस में केवल जानने से कोई मनी लाड्रिंग के तहत आरोपी नहीं बनाया जा सकता। विधायक को सिर्फ इसलिए आरोपी बनाया गया है क्योंकि वो सूर्यकांत तिवारी को जानते हैं।
सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने अग्रिम जमानत देने का विरोध किया और जांच में मिल साक्ष्यों को बताया। सभी पक्षों को सुनकर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था।
इस मामले के आरोपी है जेल में
इस मामले में रानू साहू, निखिल चंद्राकर के अलावा विनोद तिवारी, देवेन्द्र यादव, चंद्रदेव राय, आरपी सिंह, रोशन सिंह, पीयूष साहू, नवनीत तिवारी, मनीष उपाध्याय, नारायण साहू आरोपी बनाए गए है।
नारायण साहू और पीयूष साहू दोनों ही सूर्यकांत तिवारी के स्टाफ है। 540 करोड़ के कोल घोटाले में ईडी ने निलंबित आईएएस रानू साहू के अलावा आईएएस समीर विश्नोई, जेडी माइनिंग एसएसनाग और कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत 6 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल में है।