BHILAI. रूंगटा आर-1 में एचआर काॅन्क्लेव का आयोजन किया गया। इसमें एक ही जगह पर मल्टीनेशनल कंपनियों के एचआर प्रमुखों ने हिस्सा लिया। साथ ही युवाओं को बेहतर जाॅब व बेहतर कंपनी में सलेक्ट होने टिप्स दिए। वहीं सीवी बनने से लेकर प्रेजेंटेशन व इंटरव्यू की तैयारी से संबंधित जानकारी दी।
बता दें, रूंगटा आर-1 में एचआर काॅन्क्लेव का आयोजन कर युवाओं का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर डाॅ.राजीव प्रकाश ने युवाओं को मोटिवेट करते हुए कहा कि आप अंग्रेजी नहीं जातने तो सफल नहीं हो पाएंगे ये महज एक मिथ है। देश का शीर्ष संस्थान आईआईटी भी अब हिंदी में पढ़ाने को तवज्जो दे रहा है।
रीजनल लैंग्वेज पर जोर है। इसलिए सफलता के लिए भाषा का बैरियर मानना बंद कर दीजिए। जहां तक मैं देखता हूं छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों में बहुत पोटेंशियल है। अब तो आपके पास आईआईटी है इसका भरपूर फायदा उठाइए। भावी इंजीनियर्स में हर पल सीखने की ललक होनी चाहिए।
इस कार्यक्रम में कंपनी माइंडट्री के प्रिंसिपल डायरेक्टर एचआर अशोक रंजी, एचसीएल टेक्नालाॅजी की डीजीएम कंचन केडकर, टीएसपी की एचआर डायरेक्टर ऋचा शैलेष, पीरामिड कंसलटेंसी से वीपी एचार रजत शर्मा, केनड्रायल के रीजनल डायरेक्टर अगस्टस, जोहो काॅर्पोरेशन के एचआर लीडर
चैरिस गाॅडविन, यश टेक्नाॅलाजी की एजीएम रश्मि जेना भी उपस्थित रही। रूंगटा ग्रुप से चेयरमेन संतोष रूंगटा, डायरेक्टर डाॅ.सौरभ रूंगटा, सोनल रूंगटा, डाॅ.एडविन एंथोनी, डाॅ.एजाजुद्दीन, डाॅ.संजीव शुक्ला, प्राचार्य डाॅ.राकेश हिमते, डाॅ.नीमा एस बालन मौजूद रही।
सीखने की आदत डालनी होगी
स्टार्टअप अदिक साइंसटेक के फाउंडर व सीईओ डाॅ.अरूण कुमार ने कहा कि जाॅब इंडस्ट्रीज लर्न एण्ड ग्रो के फाॅमूले पर चलती है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी नहीं आती है तो धीरे-धीरे सीख जाइए यह आपको समझने की जरूरत है कि सिर्फ कोडिंग में महारत जरूरी नहीं कम्युनिकेशन स्कील भी जरूरी है।
रेस में दौड़ना जरूरी तभी निकलेंगे आगे
एमएनसी नाएहस की ग्लोबल एचआर बीपी मेनका सिंधु ने टेक्नोक्रेट से रूबरू होते हुए कहा कि रेस में आगे बढ़ने के लिए रेस में दौड़ना जरूरी है। छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों में बहुत पोटेंशियल है। वे टेक्निकल तौर पर तो अच्छा कर रहे है, लेकिन कम्युनिकेशन के मामले में पिछड़ते जा रहे है। कान्फिडेंस की जरूरत है।
वीडियो रेज्यूमे पर दी जानकारी
एचआर लीडर दीप्ती कोराने ने वीडियो रेज्यूमे पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं में क्षमता व आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं है। उन्हें सिर्फ पाॅलीशिंग की जरूरत है जिससे वे लंबी रेस का हिस्सा बन सकेंगे।
उन्होंने सुझाव दिया कि ब्लाग पढ़ने, टेक्निकल और टाॅप कंपनी के मैनेजमेंट के लोगों से कनेक्टर करने की बात कही। सीवी चैजजीपीटी जैसे टृल्स का इस्तेमाल कर बनाने कहा।