RAIPUR. छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में आचार्य विद्यासागर जी महामुनिराज ब्रह्मलीन हो गए। विद्यासागर जी महाराज ने शनिवार रात 2:35 बजे अपना शरीर त्याग दिया। मुनिश्री के देहत्याग की खबर मिलते ही देशभर के श्रद्धालु मुनिश्री का अंतिम दर्शन करने पहुंच रहे हैं। जैन मुनि की समाधि के बाद उनके अंतिम दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में सतना के तीन व्यापारी युवकों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक सतना शहर के 6 जैन श्रद्धालु मुनिश्री विद्यासागर के अंतिम दर्शन करने राजनांदगांव जिला के डोंगरगढ़ जा रहे थे। वे सभी तड़के ही डोंगरगढ़ के लिए निकल गए थे।
कार जब डोंगरगढ़ की सीमा से लगी नाला के पास थी तभी अनियंत्रित होकर नाला (छोटी नदी) में गिर गई। कार में 6 लोग सवार थे, जिसमें जितेन्द्र जैन, आशीष जैन, प्रशांत जैन की मौत हो गई है। सभी का सतना शहर में अपना-अपना व्यापार होने की बातें सामने आई है।
गाड़ी में जैन परिवार के 6 लोग सवार थे, जिसमें 3 लोग घायल हुए हैं। घायलों में अंशुल जैन, वर्धमान जैन, अप्पू जैन के नाम शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कार सवार सभी छह लोगों में से पांच खुद ड्राइविंग जानते थे। हादसा कैसे हुआ इसके बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।
हादसे की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जैन मुनि विद्यासागर महाराज के समाधि लेने की खबर से पहले ही गमगीन रहे जैन समाज पर तीन युवकों की मौत से दुःख का पहाड़ टूट पड़ा है।
बता दें कि प्रसिद्ध जैन मुनि विद्यासागर महाराज ने सल्लेखना के जरिये शनिवार-रविवार की मध्यरात्रि को देह त्याग दिया। विद्यासागर जैन समाज के प्रख्यात संत है। उनका जन्म कर्नाटक राज्य के बेलगांव जिला के सदलगा नामक स्थान पर अक्टूबर 1946 में हुआ था।
वर्ष 1968 में राजस्थान के गुरु आचार्य ज्ञानसागर महाराज से मुनि दीक्षा प्राप्त की थी। जानकारी के मुताबिक आचार्य विद्यासागर के भाई भी संन्यास ग्रहण कर लिए थे। उनके भाई अनंतनाथ और शांतिनाथ ने आचार्य श्री से ही दीक्षा ग्रहण की थी और बाद में मुनि समय सागर और योगसागर कहलाये।