BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में तहसील कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर याचिका दायर की गई है। जिसमें याचिकाकर्ता ने तहसील कार्यालय में बिना पैसों के काम न होने की बात कोर्ट को बताई है। डायवर्सन से लेकर नामांतरण जैसे हर एक काम के लिए पैसे की डिमांड की जाती है। कोर्ट ने याचिका को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम को तलब किया है। वहीं जिला कलेक्टर को भी डायवर्सन के मामलों की जानकारी देने कहा है।
बता दें, तहसील कार्यालय में आए दिन भ्रष्टाचार की शिकायत सामान्य बात हो गई है। तहसील में बिना पैसों के कोई काम नहीं होता। याचिकाकर्ता रोहनी दुबे ने अधिवक्ता राजीव दुबे के माध्यम से याचिका दायर की।
जिसमें तहसील में एसडीएम के नाक के नीचे से भ्रष्टाचार का खेल होने की बात कहीं। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा के डिविजन बेंच में हुई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने कलेक्टर व एसडीएम को तलब किया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर को बताना होगा कि डायवर्सन के कितने केस दर्ज है और कितने मामले पेंडिग है सभी की जानकारी देने कहा है।
बिना पैसे के नहीं होता काम
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कोर्ट को तहसील कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार पर विस्तार से जानकारी दी।
किसी भी काम के लिए जाने पर पैसे की डिमांड करने की भी जानकारी दी।
तहसील में काम बिना पैसे दिए नहीं होता है। साथ ही इस कार्य की जानकारी सभी को होने की भी बात बताई।