BILASPUR. तोरवा क्षेत्र में रहने वाली नाबालिक लड़की को प्रेम के जाल में फंसाकर नशीली दवाई खिलाकर दुष्कर्म का मामला सामने आया है। आरोपी ने पहले लड़की से दोस्ती की फिर उसे शादी करने का झांसा देकर अपने साथ ले गए। वहां उसके साथ शारीरिक शोषण व दुष्कर्म किया गया। परिजनों ने पुलिस में शिकायत की। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी को यूपी से गिरफ्तार किया है।
बता दें, कोतवाली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक तोरवा क्षेत्र में रहने वाली नाबालिग आठ फरवरी को घर से बिना किसी को बताए कहीं चली गई थी। परिजनों ने इसकी शिकायत करते हुए अपनी बेटी को अज्ञात व्यक्ति के बहला-फुसलाकर ले जाने की आशंका जताई।
इस पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच के बीच में ही गायब बालिका शहर में ही मिल गई। पूछताछ में उसने बताया कि उसकी पहचान उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिला अंतर्गत ग्राम राठ निवासी इमरान बेग उम्र 221 वर्ष से थी।
वे यहां अपने रिश्तेदारी में आयो था। युवक उसे शादी का झांसा देकर अपने साथ ले गया था। इसी बीच उसने बालिका को नशीला पदार्थ खिला दिया। बालिका ने दुष्कर्म की भी शिकायत की है। इसके बाद आरोपी के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म के तहत पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी गई।
फरार हो गया था आरोपित
आरोपित को जब इस बात का पता लगा कि पुलिस उसकी तलाश कर रही है। वह बिलासपुर से फरार हो गया। एसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर एक टीम को यूपी रवाना किया गया। पुलिस की टीम आरोपित के ठिकाने पर पहुंची तो वे भाग निकला। इसके बाद भी पुलिस उसकी तलाश में जुटी रही।
घेरा बंदी कर धर दबोचा आरोपित को
पुलिस को आरोपित चकमा देने के लिए बार-बार ठिकाना बदल रहा था। इसी बीच पता चला कि आरोपित बिलासपुर आया हुआ है। इस दौरान पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपित इमरान और उसके भाई कामरान बेग को पकड़ लिया।
पूछताछ में पता चला कि इमरान ने किशोरी से अपने संबंध की जानकारी अपने बड़े भाई को दिया था। इस पर कामरान को घटना में सहयोगी मानते हुए गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपित को न्यायालय में पेश किया गया।
स्वजनों को दी जा रही थी धमकी
जानकारी के मुताबिक पीड़ित के स्वजनों को धमकी दी जा रही थी। आरोपित के स्वजन ने उसका सहयोग किया। दो दिन बाद ही लड़की मिल गई। इसके बाद आरोपित के जान-पहचान वाले पीड़ित के स्वजनों को धमकियां देकर केस को रफादफा करने के लिए दबाव बना रहे थे। मामला सामने आने पर सामाजिक संगठन के सदस्यों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी।