BILASPUR.मध्यप्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री की घटना के बाद से जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। भविष्य में इस तरह की कोई भी बड़ी दुर्घटना न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने पटाखा दुकान व गोदामों के जांच के आदेश दिए है। इतना ही नहीं जांच के लिए टीम भी बना दिया है। अब लगातार जिले भर के पटाखा दुकान व गोदामों की जांच की जाएगी। जिसकी रिपोर्ट प्रशासन ने तीन दिनों में मांगी है।
बता दें, मध्यप्रदेश के हरदा पटाखा फैक्ट्री हादसे में हुई मौतों के मद्देनजर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। इसी वजह से पटाखा फैक्ट्रियों की जांच करने के आदेश कलेक्टर अवनीश शरण ने दिए है। इस दौरान जांच में विस्फोटक द्वारा किसी प्रकार की अग्नि दुर्घटना व जान-माल की हानि को रोकने के लिए संचालित पटाखा विनिर्माण, स्थायी पटाखा दुकान, गोदाम स्थल में आतिशबाजी, बारूद के भंडारण और विक्रय पर निगरानी रखेगी।
18 पटाखा दुकानों का जिम्मा 20 अधिकारियों को
जिले भर में पटाखा के कुल 18 पटाखा दुकाने है। इन दुकानों के जांच का जिम्मा 20 अधिकारियों को सौंपा गया है। ये टीमें अनुविभागों के सभी पटाखा दुकानों में जांच करेंगी। जिसमें 17 बिंदुओं पर जांच की जाएगी। उनमें महत्वपूर्ण रूप से मसलन आतिश्ज्ञबाजी की दुकान, गोदाम, भवन, आवासीय या रिहायशी क्षेत्र में होने से किसी प्रकार का खतरा होने का आकलन करना है।
वहीं आपातकालीन स्थिति में दुकान या गोदाम तक फायर ब्रिगेड का वाहन आसानी से पहुंच सकता है या नहीं। दुकान-गोदाम में लिमिट में ज्यादा पटाखे है या नहीं, अग्नि दुर्घटना से बचाव के लिए पर्याप्त उपाय है या नहीं। माचिश, पेपर कप्स या ऐसी अन्य सामग्री जिसमें क्लोरेट मिश्राण का भंडारण न हो। पटाखे सील हो, लूज नहीं। खुली पेटी, डिब्बे, पाॅलिथीन आदि का जमाव न हो।
बल्ब, ट्यूबलाइट दीवार पर ठीक प्रकार से फिक्स हों। खुली बिजली के तार आदि न हो। विस्फोटक नियम 2008 के जारी अनुज्ञप्ति की शर्तों एवं अन्य विस्फोटक नियमों का पालन हो रहा है या नहीं। जैसी तमाम चीजों की जांच की जाएगी। जिसके बाद रिपोर्ट जिला प्रशासन को दी जाएगी।