BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पदोन्नति को लेकर याचिका दायर की गई। इसमें पदोन्नति नहीं होने का कारण सर्विस रिकार्ड गुम जाना बताया गया। याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया। इस फैसले में कहा गया कि सर्विस रिकार्ड गुम होने को आधार मानकर किसी भी कर्मचारी व अधिकारी की पदोन्नति नहीं रोकी जा सकती और ना ही लंबित रखी जा सकती है। कोर्ट के निर्देश के बाद याचिकाकर्ता को पदोन्नति दी गई।
बता दें, विनोबा नगर शेष कालोनी बिलासपुर निवासी सरिता शर्मा ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय व गीता देबनाथ के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है।
दायर याचिका में कहा है कि वह जिला धमतरी में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के पद पर पदस्थ थी। पदस्थापना के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विभागीय प्रमोशन समिति की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में उसका वर्ष 2021 का सर्विस रिकार्ड गुम होने के आधार पर मामला लंबित रखते हुए उनसे जूनियर जयिता सिंह एवं शारदा सिंह को जिला लोक अभियोजन अधिकारी के पद पर पदोन्नति दे दी गई। मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास के सिंगल बेंच में हुई।
अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने कोर्ट के समक्ष कहा कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा (प्रमोशन) नियम 2003 के उपनियम छह में यह प्रविधान किया गया है कि यदि विभागीय पदोन्नति समिति कमेटी की बैठक के दौरान किसी उच्च पद पर प्रमोशन के लिए पांच वर्ष के एसीआर के परीक्षण के दौरान यदि किसी अधिकारी
का एक या दो वर्ष का एसीआर गुम होना पाया जाता है तो उसके आगे-पीछे के वर्ष के एसीआर में वर्णित श्रेणी का औसत निकालकर उन्हें अंक प्रदान कर उच्च पद पर पदोन्नति प्रदान की जाएगी।
याचिकाकर्ता के मामले में प्रकरण को लंबित किया
याचिकाकर्ता के मामले में पदोन्नति नियम 2003 के उपनियम छह का पालन ना कर याचिकाकर्ता के प्रकरण को लंबित रख दिया गया। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सचिव, गृह विभाग को यह निर्देशित किया गया कि वे पदोन्नति नियम 2003 के उपनियम छह के तहत याचिकाकर्ता के पदोन्नति का निराकरण करे।
हाईकोर्ट में पारित आदेश के परिपालन में सचिव गृह विभाग ने पुनः रिव्हयू डीपीसी आयोजित कर एक फरवरी 2024 को आदेश पारित कर याचिकाकर्ता को 19 अप्रैल 2023 से जिला अभियोजन अधिकारी के पद पर पदोन्नति एवं वरिष्ठता प्रदान कर दी गई है।