JAGDALPUR. जगदलपुर बस्तर में नक्सलियों के साथ सरकार की शांति वार्ता की पहल का समर्थन आदिवासी संगठनों ने भी देना शुरू कर दिया है। आदिवासी संगठनों के प्रमुखों का कहना है की अगर सरकार वार्ता के जरिए नक्सलवाद को बस्तर से खत्म करना चाहती है। तो यह बेहतर रास्ता होगा।
आदिवासी संगठन के प्रमुखों का कहना है कि बस्तर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच होने वाली मुठभेड़ में अक्सर बस्तर का आदिवासी ही मारा जाता है। ऐसे में शांति वार्ता की पहल बस्तर में फैली अशांति को खत्म करने का बेहतर उपाय होगा सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर भी यह मानते हैं कि बस्तर में हो रही हिंसा में हमारे ही लोग मारे जाते हैं। जितना जल्दी हो सकें बातचीत होनी चाहिए। प्रकाश ठाकुर ने कहा शांतिवर्ता में आदिवासी समाज भी पहल करेगा।
वहीं सर्व आदिवासी समाज के बस्तर जिला अध्यक्ष दशरथ कश्यप ने भी शांति वार्ता का समर्थन किया है। उनका कहना है कि बस्तर 4 दशक से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है। वहीं सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष राजा राम तोड़ेम का कहना है कि लंबे अरसे से सरकारें नक्सलवाद से लड़ने के लिए विकल्प के रूप के सुरक्षाबलों का उपयोग करती रहीं है।
लेकिन राजाराम तोड़न का कहना है कि बस्तर में पुलिस और नक्सलियों के बीच बस्तर की आम जनता पीस रही है। बस्तर में शांति की जिम्मेदारी सरकार और नक्सल संगठन दोनों की है।