RAIPUR. छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राजिम माघी पुन्नी मेला संशोधन विधेयक मतदान के बाद बहुमत से पारित हो गया । संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने ये विधेयक पेश किया।
इस विधेयक के पारित होने बाद राजिम माघी पुन्नी मेले अब राजिम कल्प कुंभ मेले के रूप में होगा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने इसका प्रस्ताव रखते हुए कहा कि पिछली सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और इतिहास से छेड़छाड़ किया था।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राजिम माघी पुन्नी मेला संशोधन विधेयक को लेकर सदन खूब गर्म हुआ। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के बयान पर दोनों पक्षों के बीच नोंक-झोंक हुई। विपक्षी सदस्यों ने नाम बदलने का जमकर विरोध किया। कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी संस्कृति को मिटाने की कोशिश न करें।
इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि सिर्फ नाम में ही संशोधन हो रहा है, लेकिन इसी से राजिम का गौरव जुड़ा है। सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई। कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव और भाजपा के सुशांत शुक्ला के बीच तीखी बहस हुई।
विधेयक पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राजिम में कुंभ का स्वरूप मिलने के बाद लाखों लोग आने लगे है। पूरे प्रदेश में 5 हजार स्थानों पर माघी पुन्नी मेला होता है। कुंभ देश में सिर्फ चार स्थानों पर होता है ।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने कुंभ का नाम दिया है। वेद पुराणों में महानदी को चित्रोत्पला कहा गया है। राजिम का धार्मिक महत्व है, यहां लोग अस्थि विसर्जन करते हैं । हम इस विधेयक के माध्यम से प्रदेश की संस्कृति को बढ़ा रहे हैं । माघी पुन्नी मेले के स्थान पर कुंभ कल्प मेला नाम दिया जा रहा है।
इस पर विपक्ष ने मत विभाजन मांगा। सदन में राजिम माघी पुन्नी मेले का नाम बदलने पर मतदान हुआ। इसमें विधेयक के पक्ष में 43 और विपक्ष में 30 वोट प्राप्त हुए। इस तरह से बहुमत के आधार पर सदन में विधेयक पारित हो गया ।
इस पर कांग्रेस के विधायक उमेश पटेल ने कहा कि हमने पूर्वजों से राजिम पुन्नी मेला के बारे में सुना था । छत्तीसगढ़ी से बीजेपी को परेशानी होती है। मेले की व्यापकता से कांग्रेस को कोई दिक्कत नहीं है। राजिम माघी पुन्नी का नाम बदला है छत्तीसगढ़ की जनता जरूर सबक सिखाएगी।