BILASPUR.छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बकाया फीस वसूलने याचिका दायर की गई है। जिसमें याचिकाकर्ता महाधिवक्ता जेके गिल्डा छत्तीसगढ़ के पूर्ववर्ती सरकार यानी की कांग्रेस पर 1 करोड़ 10 लाख रुपये का भुगतान नहीं किए जाने की बात कहीं है। साथ ही बकाया फीस का भुगतान करने की मांग की है।
बता दें, भाजपा सरकार के दौरान महाधिवक्ता रहे जेके गिल्डा ने हाईकोर्ट में याचिकादायर की है। याचिका में महाधिवक्ता के अधिवक्ता ने बताया कि वर्ष 2014 में 23 जनवरी को उन्होंने छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता का पद ग्रहण करते हुए कार्य किया था। इसके पूर्व वर्ष 2006 जून से अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद पर कार्यरत थे।
उन्होंने महाधिवक्ता रहते सर्वाधिक 94.22 प्रतिशत प्रकरणों में राज्य सरकार की ओर से प्रकरणों में सफलता हासिल की थी। इसी बीच साल 2018 में राज्य में सरकार बदलने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने लगे थे। नई सरकार आने के बाद उनका भुगतान रोक दिया गया। केस की अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी।
1.10 करोड़ का भुगतान बकाया
याचिका में गिल्डा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने महाधिवक्ता रहते हुए कई बार राज्य सरकार की तरफ से छत्तीसगढ़ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन समेत कई मामलों की पैरवी की। जिसके लिए उनको फीस नहीं दी गई। जिसका बिल प्रस्तुत करने पर कांग्रेस की नई सरकार ने भुगतान रोक दिया।
सीएसआईडीसी ने दिया जवाब
मामले की सुनवाई के दौरान सीएसआईडीसी की ओर से कहा गया कि पूर्व महाधिवक्ता गिल्डा को सरकार ने नियुक्त नहीं किया था। इस पर गिल्डा के वकील ने कहा कि वे सरकार की ओर से महाधिवक्ता नियुक्त थे ऐसे में उन्हें केस में अलग से नियुक्त करने का सवाल ही नहीं उठता। इस लिए बकाया फीस दी जानी चाहिए।