BILASPUR. हाई कोर्ट में अजीब तरह का मामला सामने आया है। दरअसल, 8 साल पहले हत्या के मामले में हाई कोर्ट ने सेशन कोर्ट से सजा के आदेश को स्थगित करते हुए आरोपियों की जमानत मंजूर की थी। जमानत के लिए रकम नहीं होने की वजह से आरोपी को 8 साल जेल में गुजारना पड़ा। अपील पर अंतिम सुनवाई के दौरान यह जानकारी सामने आने पर जस्टिस संजय के अग्रवाल की बेंच ने सख्त नाराजगी जताते हुए सभी सेशन कोर्ट, विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिवों और जेल अधीक्षकों के लिए गाइड लाइन जारी किया है।
इस दौरान हाई कोर्ट ने कहा है कि जमानत मिलने के बाद भी आरोपी के 7 दिनों के बाद भी जेल से बाहर नहीं आने पर संबंधित जेल अधीक्षक ई प्रिजनर्स साइट पर जानकारी अपलोड करने के साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अनिवार्य रूप से सूचना देंगे। हाई कोर्ट ने आदेश का सख्ती से पालन के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार कसडोल में रहने वाले केशव अघरिया को 2014 में हुई एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सेशन कोर्ट ने अप्रैल 2015 में इस मामले में दिए गए निर्णय अघरिया को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद और दो हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ अपील की गई थी। हाई कोर्ट ने अपील पर सुनवाई करते हुए 14 अक्टूबर 2015 को सेशन कोर्ट के आदेश को स्थगित करते हुए आरोपी की जमानत मंजूर की थी। इसके साथ ही 25 हजार रुपए के बांड पर जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन 25 हजार रुपए जमा नहीं करने की वजह से उसे जेल से रिहा नहीं किया गया।