DHAMTARI. वृक्ष धरा का भूषण दूर करे प्रदूषण, पेड़ लगाओ जीवन बचाओ, पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ का नारा दिया जा रहा है। धरती को हरा-भरा रखने और पौधारोपण करने देशभर में अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ में पेड़ की वजह से कुछ परिवारों को बहिष्कार का दंश झेलना पड़ रहा है। पेड़ नहीं काटने पर दबंगों ने एक, दो नहीं बल्कि पूरे 15 परिवारों को गांव से बहिष्कृत कर दिया है। परेशान ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
दरअसल, धमतरी जिले के ग्राम पंचायत कुर्रा के आश्रित ग्राम भोथीपार में एक साथ 15 परिवारों का बहिष्कार कर दिया गया है। इसकी शिकायत लेकर पीड़ित ग्रामीण जनदर्शन में पहुंचे। ग्रामीणों को यह सजा घर के सामने मुनगा पेड़ लगाने के कारण ग्राम विकास समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने दिया है। ग्रामीणों को कहा गया है कि जब तक पेड़ नहीं काटोगे, तब तक बहिष्कार जारी रहेगा।
जनदर्शन में शिकायत करने पहुंचे ग्रामीण
ग्राम भोथीपार के पीड़ित व बहिष्कृत ग्रामीण तुकाराम साहू, भागवत राम साहू, तिलकराम साहू, हेमलाल साहू, हेमनाथ साहू और जनक राम साहू एक जनवरी को जनदर्शन में शिकायत लेकर कलेक्टर से मिलने पहुंचे। ग्रामीणों ने शिकायत करते हुए जनदर्शन में अधिकारियों को बताया कि घर के सामने मुनगा का पेड़ लगा है। ग्राम विकास समिति ने पेड़ काटने को कहा और नहीं काटने पर अध्यक्ष व अन्य सदस्यों ने 15 परिवारों को बहिष्कृत कर दिया है।
गांव में किसी को कोई काम भी नहीं देता
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के अफसरों को बताया कि, इस बहिष्कार के कारण ग्रामीण और समाज के लोगों से बातचीत नहीं है। बहिष्कृत परिवार को गांव के किसी भी व्यक्ति द्वारा काम (नौकरी) करने के लिए भी नहीं बुलाया जा रहा है। ऐसे में बहिष्कृत परिवार मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान है। ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ी तो न्याय की गुहार लगाने पहुंचे है। अफसरों ने ग्रामीणों को समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया है।
एनएसएस ने 10 साल पहले लगाया पेड़
धमतरी के इस गांव में कुल 164 परिवार रहते हैं, जिनकी संख्या 850 है। मुनगा पेड़ के अलावा आम या अन्य पेड़ होने पर भी बहिष्कृत करने की चेतावनी ग्राम विकास समिति के पदाधिकारियों ने दी है। जबकि इन ग्रामीणों के घर के सामने इस पेड़ को 10 साल पहले एनएसएस के विद्यार्थियों ने पौधारोपण और हरियाली लाने के उद्देश्य से लगाए थे। घर के सामने लगा मुनगा पेड़ को काटने के बाद ही ग्राम विकास समिति के पदाधिकारी और सदस्यों ने इन परिवारों को ग्रामीणों के साथ मिलाने का शर्त रखी है।