RAIGARH. राज्य शासन ने सभी जिलों को उज्जवला गैस कनेक्शन के हितग्राहियों की ई केवाईसी करने का निर्देश दिया है। जानकर हैरत होगी कि रायगढ जिले में 1 लाख 70 हजार उज्जवला हितग्राहियों में से अब तक महज 33 फीसदी हितग्राहियों ने ही ईकेवाईसी कराया है। इधर विपक्ष में बैठी कांग्रेस इन आंकडों को फर्जी करार दे रही है।
दरअसल, प्रदेश में आई नई सरकार ने सत्ता में आने के पूर्व गैस सिलेंडर पर 500 रुपए की सब्सिडी देने की घोषणा की थी। सरकार में आते ही सभी जिलों को गैस उपभोक्ताओं की ईकेवाईसी करने के निर्देश दिए गए। रायगढ़ जिले की बात करें तो जिले में 1 लाख 76 हजार उज्जवला गैस उपभोक्ता हैं। इसमें से 1 लाख 6 हजार उपभोक्ता एक्टिव हैं और लगातार रिफलिंग करा रहे हैं। शासन के निर्देश के बाद कुल उपभोक्ताओं में से अब तक सिर्फ 33 फीसदी उपभोक्ताओं ने ही ईकेवाईसी कराया है।
सर्वर स्लो होने और जानकारी की कमी की वजह से ज्यादातर हितग्राही ई केवाइसी में दिलचस्पी ही नहीं ले रहे हैं। वहीं कईयों को e-kyc के बारे में जानकारी नहीं है। तो कुछ ईकेवाईसी अपडेट करने में दिलचस्पी ही नहीं ले रहे हैं। इधर आंकड़े सामने आने के बाद कांग्रेस राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा कार्यकाल में टारगेट दिखाने के लिए जमकर कनेक्शन बांटे गए थे। अब वास्तव में उज्जवला हितग्राही ढूंढने से नहीं मिल रहे हैं।
कांग्रेस नेता अनिल शुक्ला जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष का कहना है कि पांच साल पहले भाजपा के कार्यकाल में वाहवाही लूटने के लिए अनाप शनाप कनेक्शन बांटे गए थे। ऐसे में हितग्राहियों को ढूंढने अब प्रशासन मशक्कत कर रहा है। या तो पहले के आंकड़े फर्जी थे या फिर अब सरकार जानबूझकर केवाईसी अपडेट करने के बहाने जवाबदेही से बचना चाह रही है। अगर जांच की जाए तो उज्जवा योजना में जमकर गडबड़ियां उजागर होंगी।
इधर अधिकारी भी e-kyc अपग्रेडेशन की धीमी गति की बात स्वीकार कर रहे हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि सर्वर में दिक्कतों की वजह के प्रक्रिया में थोडा विलंब हुआ था। राज्य शासन ने 31 मार्च तक का समय दिया है। समय रहते सारे उपभोक्ताओं की केवाईसी अपडेट हो जाएगी। कुछ उपभोक्ता या तो पलायन कर चुके हैं या फिर मृत हो चुके हैं। ऐसे लोगों के बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है।